स्थिति यह है कि यहां इलाज के लिए वेटिंग तक शुरू हो गई है। खासकर बवासीर और भगंदर के मरीज बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं। निमाड़ क्षेत्र के अलावा महाराष्ट्र से भी मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं। पंचकर्म और अग्निकर्म जैसी चिकित्सा पद्धतियों से मरीजों का उपचार किया जा रहा है। अब आयुर्वेद के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी और आंखों के ऑपरेशन की सुविधा भी शुरू की जा रही है।
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आयुर्वेदिक प्रोटोकॉल
महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जेपी चौरसिया ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी के लिए आयुर्वेद में एक प्राचीन पद्धति है, जिसे अब बुरहानपुर में शुरू किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत प्रेग्नेंसी के पहले महीने से ही महिलाओं को एक विशेष आयुर्वेदिक प्रोटोकॉल का पालन कराना होता है। इसमें आहार, योग और शरीर की देखभाल को प्रमुखता दी जाती है, जिसे ‘गर्भसंस्कार’ कहा जाता है। यह प्रक्रिया गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के समुचित पोषण पर केंद्रित होती है।
डिलीवरी से पहले महिलाओं को हल्के व्यायाम, योग आसन और तेल मालिश कराई जाती है, जिससे प्रसव पीड़ा कम होती है और नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है। अस्पताल में अब नेत्र रोग विशेषज्ञों की मौजूदगी के चलते आंखों से जुड़ी बीमारियों का भी इलाज किया जा रहा है। मोतियाबिंद जैसी समस्याओं के लिए यहां ऑपरेशन की सुविधा शुरू की जा रही है।
3 महीने में बदली व्यवस्था
आयुर्वेद अस्पताल के नोडल अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर अजमेर सिंह गौड़ ने बताया कि अस्पताल में वर्तमान में 10 विशेषज्ञ डॉक्टर्स सेवाएं दे रहे हैं। पहले यहां सुविधाओं और आधुनिक उपकरणों की कमी थी, लेकिन बीते तीन महीनों में व्यवस्थाओं में काफी सुधार किया गया है। डॉक्टर्स की मांग के अनुसार उपकरण खरीदकर उपलब्ध कराए गए हैं और नई ओटी (ऑपरेशन थिएटर) भी बनाई गई है, जिससे ऑपरेशन और इलाज में सुविधा हो रही है।
ओपीडी के सभी बेड फुल
अस्पताल में 24 घंटे ओपीडी सेवाएं दी जा रही हैं। सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं। वर्तमान में यहां प्रति दिन 150 से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इसका सीधा असर यह हुआ है कि जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या कम होने लगी है। महाराष्ट्र के जलगांव, भुसावल, धारणी, अंतुर्ली, रावेर सहित निमाड़ क्षेत्र के खंडवा, खरगोन से भी बड़ी संख्या में मरीज उपचार और ऑपरेशन के लिए आ रहे हैं। पंचकर्म और अग्निकर्म चिकित्सा के लिए अस्पताल में वेटिंग लिस्ट तक बन गई है। यहां के सभी 50 बेड फुल हैं,जिससे यह स्पष्ट होता है कि आयुर्वेदिक उपचार में लोगों की रुचि तेजी से बढ़ रही है।
आधुनिक उपकरणों से मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
आयुर्वेदिक अस्पताल में आधुनिक सुविधाओं के साथ विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम भी मौजूद है, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है। पंचकर्म, अग्निकर्म, गर्भसंस्कार और नेत्र चिकित्सा जैसी प्रक्रियाओं के चलते यह अस्पताल न केवल बुरहानपुर बल्कि पूरे निमाड़ और महाराष्ट्र के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण चिकित्सा केंद्र बनता जा रहा है।