परियोजना से जुड़ी प्रमुख बातें (Adani Green Energy)
अदानी ग्रीन (Adani Green) ने श्रीलंका के Mannar और Pooneryn क्षेत्रों में 484 मेगावॉट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजना के लिए 740 मिलियन डॉलर के निवेश की योजना बनाई थी। इस परियोजना को 2026 के मध्य तक पूरा किया जाना था। मई 2024 में, श्रीलंका की पिछली सरकार ने $0.0826 प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने का समझौता किया था। नई सरकार ने जनवरी 2025 में अदानी ग्रुप (Adani Green) के पावर परचेज एग्रीमेंट को रद्द कर दिया और बिजली शुल्क में कटौती की मांग की। परियोजना को लेकर पर्यावरणीय मुद्दे और सुप्रीम कोर्ट में कानूनी चुनौतियां भी सामने आई थीं।श्रीलंका सरकार की नई नीति और विवाद
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायके की नई सरकार ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और बिजली दरों को कम करने के एजेंडे पर काम कर रही है। सरकार ने अदानी ग्रीन की पवन ऊर्जा परियोजना की शर्तों को दोबारा बातचीत के लिए समीक्षा समिति बनाने का फैसला किया था।अदानी ग्रीन एनर्जी ने अपने पत्र में लिखा
हम श्रीलंका के संप्रभु अधिकारों और नीतिगत निर्णयों का सम्मान करते हैं, लेकिन नई परिस्थितियों को देखते हुए, हमने इस परियोजना से हटने का निर्णय लिया है।परियोजना से हटने के बाद अदानी ग्रीन के शेयरों में तेजी
अदानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy)के इस फैसले का शेयर बाजार में सकारात्मक असर दिखा। इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में 2% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। निवेशकों को उम्मीद थी कि यह कदम कंपनी के लिए अनिश्चितताओं को कम करेगा और अन्य परियोजनाओं पर फोकस बढ़ाएगा।परियोजना पर विवाद क्यों?
बिजली दरों में कटौती: श्रीलंका की नई सरकार सस्ती बिजली उपलब्ध कराना चाहती है, जबकि अदानी ग्रीन की तय की गई दरें अपेक्षाकृत अधिक थीं।भ्रष्टाचार के आरोप: पिछले प्रशासन द्वारा इस सौदे में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जा रही थी।
पर्यावरणीय चिंताएं: इस परियोजना को लेकर कुछ पर्यावरण समूहों ने भी विरोध जताया था, जिससे कानूनी अड़चनें आईं।