निजी क्षेत्र के करोड़ों कर्मचारियों को लाभ होगा
अगर यह नियम लागू होता है, तो इससे खासकर निजी क्षेत्र में काम कर रहे करोड़ों कर्मचारी को राहत मिलेगी। कई लोग 35 से 45 की उम्र में कैरियर ब्रेक, नई शुरुआत या पारिवारिक कारणों से नौकरी छोड़ते हैं, उनके लिए यह फैसला बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
वर्तमान नियमों में क्या होता है ?
अभी के नियमों के अनुसार, कर्मचारी पीएफ की पूरी राशि तभी निकाल सकता है जब: वह दो महीने से बेरोजगार हो। या उसकी उम्र 58 साल से ऊपर हो जाए। या फिर रिटायरमेंट या मौत की स्थिति में निकासी की अनुमति मिलती है।
क्या आंशिक निकासी या पूरी रकम मिलती है ?
सूत्रों की मानें तो सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि राशि की निकासी 60% तक सीमित रखी जाए या फिर कर्मचारियों को 100% राशि निकालने की छूट दी जाए। अभी इस पर चर्चा जारी है, लेकिन संकेत साफ हैं कि सरकार इसे लेकर गंभीर है।
घर, शिक्षा और मेडिकल के लिए पहले से कुछ छूट
गौरतलब है कि EPFO पहले से कुछ विशेष परिस्थितियों में आंशिक निकासी की अनुमति देता है, जैसे: घर खरीदने के लिए गंभीर बीमारी के इलाज के लिए उच्च शिक्षा के लिए शादी के खर्च के लिए
नई निकासी प्रक्रिया भी हो सकती है आसान
सरकार की योजना है कि निकासी प्रक्रिया को और सरल बनाया जाए। इसके तहत भविष्य में ATM या UPI के जरिए त्वरित PF निकासी की सुविधा मिल सकती है। यह सिस्टम टेस्टिंग मोड में है और जल्दी ही इसे सार्वजनिक किया जा सकता है।
क्यों जरूरी है यह बदलाव ?
बदलते समय में नौकरी की स्थिरता पहले जैसी नहीं रही। लोग अब फ्रीलांसिंग, स्टार्टअप, और करियर ब्रेक जैसी विकल्पों को अपनाते हैं। ऐसे में EPFO को भी खुद को अपडेट करना होगा ताकि यह पैसा सिर्फ रिटायरमेंट के बाद नहीं, बल्कि जरूरत के वक्त भी लोगों के काम आ सके।
EPFO अपडेट के लिए अलर्ट रहें
पीएफ खाताधारकों के लिए सलाह है कि वे EPFO की आधिकारिक वेबसाइट और उमंग ऐप पर नजर बनाए रखें। बहरहाल अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन बड़ी तैयारी जारी है। हालांकि, इस नियम में बदलाव को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन चर्चा तेज है। सरकार अगर इसे मंजूरी देती है, तो यह EPF सदस्यों के लिए एक ऐतिहासिक और व्यावहारिक बदलाव साबित हो सकता है।