एक प्राइवेट बैंक से झटका, दूसरे ने हाथों-हाथ लिया
यह स्टोरी एक IIT गुवाहाटी ग्रेजुएट की है, जो देश की एक नामी टेक कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने अपने Savings Account को सैलरी अकाउंट में बदलते ही उम्मीद की कि अब तो क्रेडिट कार्ड मिलना आसान होगा। लेकिन हुआ इसका उलटा। एक के बाद एक कॉल, मैसेज और WhatsApp पर एजेंट्स की कॉल आना शुरू हो गई- सर, कार्ड ले लीजिए! उन्हें लगा कि चलो अब कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने सारी जानकारी दी, सैलरी स्लिप भेजी, KYC प्रोसेस करवाया और तो और बैंक एजेंट उनके घर बिना बताए वेरिफिकेशन के लिए भी पहुंच गए। पर उनका आवेदन रिजेक्ट हो गया।डिग्री से मिली राह
एक Private Bank के इस सुलूक से निराश हो गए पर तभी दूसरे प्राइवेट बैंक से एक मेल आया। उसमें IIT Alumni के लिए Credit Card का एक्सक्लूसिव ऑफर था। उनके लिए यह किसी जादू से कम नहीं था। क्योंकि इस बार बैंक ने न वेतन पूछा गया, न IT रिटर्न। सिर्फ डिग्री अपलोड की और दो दिन में उनका कार्ड अप्रूव हो गया। 3,00,000 रुपये की लिमिट और Priority Pass भी साथ में। यूजर ने Reddit पर लिखा- मुझे यकीन नहीं था कि ये डिग्री वाकई कार्ड दिला सकती है। पर अब मैं हूं पहली बार का क्रेडिट कार्ड होल्डर सिर्फ अपने कॉलेज के भरोसे।डिग्री के दम पर क्रेडिट कार्ड : क्या यह नया ट्रेंड है?
पहले Credit Card मिलने के लिए इनकम को सबसे बड़ी कसौटी माना जाता था, लेकिन बैंक अब टॉप इंस्टीट्यूट्स के Alumnai होना भी ‘क्रेडिबल’ पहचान मान रहे हैं। IIT, IIM, ISB जैसे संस्थानों के पूर्व छात्र अब कई बैंकों में कम जोखिम वाले ग्राहक माने जाते हैं। यही वजह है कि उनके लिए Credit Card Special Pre Approved Offer निकाले जा रहे हैं। एक प्राइवेट बैंक में क्रेडिट कार्ड सेक्शन को हेड कर रहे बैंकर ने बताया कि किसी भी बैंक का Loan और Credit Card डिपार्टमेंट रेवेन्यू के लिहाज से सबसे अहम विभाग हैं। इन पर Target का अत्यधिक प्रेशर होता है। इसलिए कस्टमर तक पहुंच बनाने के लिए अलग-अलग एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं। इस मामले में बैंकों को लगता है कि इन टॉप ग्रैजुएट्स की कमाई की क्षमता को देखते हुए वे उन्हें कार्ड ऑफर कर सकते हैं, भले ही अभी उनकी इनकम लिमिट के नीचे ही क्यों न हो।लेकिन हर कार्ड में नहीं छिपा जादू
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट अमित निगम के मुताबिक यह ट्रेंड भले ही उम्मीद जगाता हो पर कुछ जरूरी सावधानियां भी लेनी चहिए। मसलन ऐसे कार्ड में कोई Hidden Fees या Charges तो नहीं।प्रोमोशनल कार्ड्स में छिपी फीस
एक प्राइवेट बैंक के ऐसे कार्ड में सालाना फीस 3,500 रुपये तक होती है। कई बार पहले साल फ्री होते हैं, लेकिन दूसरे साल भारी चार्ज लग सकते हैं। इसलिए कार्ड लेने से पहले T&C जरूर पढ़ें।एजेंट्स की बातों में न आएं
निगम के मुताबिक बिना बताए घर पर आना KYC के नाम पर गलत है। हर वैध प्रक्रिया डॉक्यूमेंटेड होनी चाहिए।इसलिए किसी भी अनजान एजेंट को निजी जानकारी देने से बचें।
क्रेडिट कार्ड मिलना फाइनेंशियल मैच्योरिटी
आपको कार्ड मिल गया इसका मतलब यह नहीं कि आप समझदारी से खर्च भी कर पाएंगे। इसलिए टाइम से पेमेंट करें, लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें और ओवरड्राफ्ट से बचें।क्रेडिट कार्ड पाने के आसान तरीके
अगर आपकी सैलरी स्लिप या नौकरी की स्थिति के कारण आपका क्रेडिट कार्ड बार-बार रिजेक्ट हो रहा है तो घबराएं नहीं। यहां कुछ स्मार्ट ट्रिक्स बताई गई हैं :- सेक्योर कार्ड से करें शुरुआत : Fixed Deposit (FD) आधारित कार्ड सबसे आसान और सुरक्षित विकल्प है।
- एक बैंक से भरोसा बनाए रखें : जहां आपका सैलरी अकाउंट है, वहीं से कार्ड के लिए आवेदन करें। नियमित ट्रांजैक्शन देखकर बैंक को भरोसा आता है।
- क्रेडिट स्कोर जरूर चेक करें : CIBIL, Experian और CRIF High Mark जैसी एजेंसियां साल में 1 बार फ्री स्कोर चेक करने देती हैं।
- एक साथ कई जगह आवेदन न करें : हर रिजेक्शन आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए पहले स्कोर सुधारें, फिर सही बैंक टारगेट करें।
- Alumnai Offer या नो-इनकम कार्ड्स खोजें : प्राइवेट बैंक खास कॉलेजों के लिए Alumnai Cards निकालते हैं।