क्या है फिटमेंट फैक्टर और यह क्यों जरूरी है ?
कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि में ‘फिटमेंट फैक्टर’ की अहम भूमिका होती है। यह मूल वेतन गुणा करने का एक फार्मूला होता है। एम्बिट कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रह सकता है। इसका मतलब है कि 18,000 रुपये का न्यूनतम वेतन 32,940 से लेकर 44,280 रुपये तक हो सकता है।वेतन में बदलाव से सरकारी खजाने पर असर
अगर यह वेतन संशोधन लागू होता है, तो सरकार को हर साल लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। यह बोझ केंद्र सरकार के बजट को प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसके साथ देश की आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आ सकती है। इस बीच टवीट के अनुसार आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और कार्यवृत्त की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। यदि गठन में और देरी होती है, तो कार्यान्वयन समय पर नहीं हो पाएगा। कर्मचारियों को विलंब अवधि के दौरान HRA और TA वृद्धि का नुकसान उठाना पड़ सकता है ,क्योंकि पिछले वेतन आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार उपरोक्त भत्तों पर कोई बकाया भुगतान नहीं किया गया है।कब लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग ?
जानकारों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 या फिर वित्त वर्ष 2026-27 की शुरुआत में लागू हो सकती हैं। पिछला वेतन आयोग यानी 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हुआ था, और हर दशक में नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाती हैं।आठवां वेतन आयोग और सुलगते सवाल
क्या वित्त मंत्रालय ने 8वें वेतन आयोग की औपचारिक घोषणा के लिए कोई टाइमलाइन तय की है? क्या पेंशनधारियों को भी उतना ही लाभ मिलेगा जितना मौजूदा कर्मचारियों को?आठवां वेतन आयोग और राजकोषीय असर
आठवें वेतन आयोग से जुड़ा आर्थिक बोझ सरकार के फिस्कल डेफिसिट को कैसे प्रभावित करेगा? क्या यह बजट में कटौती या टैक्स बढ़ोतरी का कारण बन सकता है?आठवां वेतन आयोग से राज्यों पर असर
क्या राज्यों पर भी ऐसा ही आयोग लागू करने का दबाव बनेगा ?कुछ राज्य पहले ही वित्तीय संकट में हैं, वहां यह फैसला कैसे लिया जाएगा?