आय का सबसे अधिक हिस्सा EMI चुकाने में जाता है हायर मिडिल क्लास
हाउ इंडिया स्पेंड्स रिपोर्ट के मुताबिक, हायर मिडिल क्लास की आय का सबसे अधिक हिस्सा ईएमआई चुकाने में जाता है। वहीं कम वेतन वाले लोग अनौपचारिक स्रोतों जैसे दोस्तों, परिवार या कर्ज देने वाली अंपजीकृत कंपनियों से ज्यादा लोन ले रहे हैं। लोग के कुल खर्च में रोजमर्रा के सामन की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत तो मकान-कार के ईएमआई की 39 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा से महानगरों में मिलेनियल्स बेहतर नौकरी हासिल करने को लेकर चिंतित हैं। वहीं अधिकतर ग्रामीण युवा खुद का कारोबार चाहते हैं।आय के स्तर से बदल रही जरूरतें
उच्च आय वर्ग के लोग सहज सुलभ लोन की वजह से अच्छी जीवनशैली, वाहन खरीदने, छुट्टियों पर घूमने, सैर-सपाटा या विलासिता का सामान खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। कम वेतन वाले लोग अपनी आय का ज्यादातर हिस्सा दैनिक जरूरतों को पूरा करने या कर्ज चुकाने में लगा रहे हैं। कम आय वाले लोग कुल आय का 34 प्रतिशत और हाई-इनकम वाले अपनी आय का 46 प्रतिशत ईएमआई चुकाने में खर्च कर रहे है।
कारोबार और वित्तीय स्वतंत्रता है युवाओं को पसंद
शहरों में 25-26 साल के अधिक उम्र के 60 प्रतिशत युवा बेहतर नौकरी की तलाश में, वहीं ग्रामीण इलाकों के अधिकतर मिलेनियल्स एंटरप्रेनेयोर बनना चाहते हैं। कुंवारे लड़कों के मुकाबले सिंगल महिलाओं में खुद का मकान खरीदने की प्रबल इच्छा, 70 प्रतिशत कुंवारी लड़किया कॅरियर ग्रोथ को प्राथमिकता देती हैं।मिलेनियल्स के लॉन्ग टर्म गोल्स
अपना मकान लेना 41 प्रतिशतअपना कारोबार 21 प्रतिशत
वित्तीय स्वतंत्रता 19 प्रतिशत
ऐसे पूरे करेंगे अपने सपने
बचत और निवेश से 39 प्रतिशतअतिरिक्त आय की तलाश 21 प्रतिशत
कर्ज लेकर 29 प्रतिशत
(स्रोत: फाइब सर्वे)
Inflation Rate: महंगाई दर में गिरावट, दो साल में सबसे अधिक महंगी हुई सब्जियां और दालें
भारतीय परिवार किन चीजों पर करता है खर्च
रोजमर्रा की चीजें 32 प्रतिशतविलासिता के सामान 29 प्रतिशत
जरूरत की चीजें 39 प्रतिशत
रोजमर्रा के खर्च में किसकी कितनी हिस्सेदारी
यूटिलिटीज (बिजली-पानी-गैस) 30 प्रतिशतराशन-किराना सामान आदि 18 प्रतिशत
मकान का किराया 16 प्रतिशत
इलाज-दवाइयों पर खर्च 15 प्रतिशत
पेट्रोल-डीजस, यातायात 10 प्रतिशत
अन्य खर्च 12 प्रतिशत
(स्रोत: पीडब्ल्यूसी सर्वे)