Share Market Today: आज 12 फरवरी बुधवार के दिन भी भारतीय शेयर बाजार (Share Market Today) पर दबाव नजर आ रहा है। मंगलवार की भारी गिरावट के बाद निवेशकों की नजरें बाजार की चाल पर टिकी हैं। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर नए टैरिफ लगाने की चेतावनी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की तगड़ी बिकवाली ने बाजार में हलचल बढ़ा दी है।
मंगलवार को Sensex में जबरदस्त गिरावट (Share Market Today)
मंगलवार के कारोबार में सेंसेक्स 650 अंक लुढ़ककर 71,200 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 250 अंकों की गिरावट के साथ 21,550 के करीब पहुंच गया। FIIs ने करीब ₹7000 करोड़ की बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹4000 करोड़ की खरीदारी की, लेकिन यह बिकवाली के दबाव को पूरी तरह संतुलित नहीं कर सकी।
FIIs की बिकवाली और बाजार का हाल
FIIs लगातार भारतीय बाजार (Share Market Today) में बिकवाली कर रहे हैं। बीते कुछ महीनों में यह ट्रेंड देखने को मिला है कि विदेशी निवेशक अमेरिका और अन्य विकसित बाजारों में निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे भारतीय शेयर बाजार (Share Market Today) दबाव में आ गया है। मंगलवार को FIIs की भारी बिकवाली देखने को मिली कैश मार्केट में ₹7000 करोड़ की बिकवाली, इंडेक्स फ्यूचर्स और स्टॉक फ्यूचर्स (Share Market Today) में भी भारी सौदे। हालांकि, DIIs ने ₹4000 करोड़ की खरीदारी कर कुछ सपोर्ट देने की कोशिश की, लेकिन बाजार पर दबाव बना हुआ है।
अंतरास्ट्रीय बाजारों का असर
अमेरिकी बाजार भी बीते दिन मिलेजुले संकेतों के साथ बंद हुए।
डाओ जोंस में 123 अंकों की तेजी रही।
नैस्डैक 70 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ, जिसमें Tesla के शेयरों में 6% की गिरावट रही।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में कटौती को लेकर जल्दबाजी नहीं दिखाने का संकेत दिया, जिससे वैश्विक बाजारों (Share Market Today) में अनिश्चितता बनी हुई है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर संभावित नए टैरिफ की चेतावनी के बाद एशियाई बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिली।
भारतीय बाजार के लिए आज के ट्रिगर
विदेशी निवेशकों का मूड: FIIs की बिकवाली जारी रही तो बाजार में और गिरावट आ सकती है। अगर वे खरीदारी की तरफ लौटते हैं, तो बाजार में रिकवरी संभव है।
अमेरिकी ब्याज दरों का प्रभाव: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बयानों से संकेत मिलता है कि ब्याज दरों में कटौती जल्द नहीं होगी। इसका असर भारत सहित उभरते बाजारों पर पड़ेगा। कच्चे तेल की कीमतें: ब्रेंट क्रूड में 1% की तेजी के साथ यह $77 प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है, जिससे भारतीय कंपनियों पर लागत का दबाव बढ़ सकता है।
कमोडिटी बाजार का रुख
सोना ₹300 गिरकर ₹85,500 प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा। चांदी में भी गिरावट रही और यह ₹94,600 प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। कमोडिटी बाजार में यह उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए अहम रहेगा।
सरकार की नीतियां और टैक्स कलेक्शन
सरकार का टैक्स कलेक्शन 15% बढ़कर ₹18 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है।
किन सेक्टर्स पर रहेगा असर?
IT और बैंकिंग: FIIs की बिकवाली से सबसे ज्यादा असर इन सेक्टर्स पर पड़ सकता है।
मेटल और ऑटो: वैश्विक टैरिफ से मेटल कंपनियों पर दबाव आ सकता है, जबकि ऑटो सेक्टर भी सुस्त रह सकता है।
FMCG और फार्मा: इन सेक्टर्स में कुछ स्थिरता देखने को मिल सकती है।