युद्ध और सोने का क्या है रिलेशन?
भू-राजनैतिक तनाव और सोने की कीमत की सीधा रिलेशन होता है। यानी जब भी दुनिया में कहीं युद्ध जैसे हालात बनते हैं, सोना महंगा हो जाता है। इरान और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध का असर सोने की कीमतों में साफ देखा जा सकता है। जब भी दुनिया में कोई बड़ा संकट आता है, भू-राजनैतिक तनाव पैदा होता है, वैश्विक मंदी आती है या शेयर मार्केट्स में गिरावट आने लगती है, तो सोने की कीमतों में उछाल आता है। इस समय ईरान-इजराइल के अलावा रूस और यूक्रेन भी जंग लड़ रहे हैं।
क्यों महंगा हो जाता है सोना?
वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता पैदा होने पर अन्य निवेश विकल्प निवेशकों के लिए रिस्की हो जाते हैं। ऐसे में वे सेफ हेवन एसेट्स में अपना पैसा सुरक्षित रखने की कोशिश करते हैं। सोना एक सेफ हेवन एसेट है। निवेशक ही नहीं, बल्कि विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक भी अपने देश की इकॉनोमी को मजबूत करने के लिए अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाते हैं। इस तरह सोने की यह नई मांग कीमतों में इजाफा करने का काम करती है।
मैक्रो-इकॉनोमिक परिस्थितियां
जियोपॉलिटिकल फैक्टर्स के अलावा मैक्रो-इकॉनोमिक परिस्थितियां भी सोने की कीमतों में आगे बढ़ोतरी के संकेत दे रही हैं। यूएस के हालिया महंगाई के आंकड़े उम्मीद से कम आए हैं। वहां, खुदरा महंगाई मई महीने में सिर्फ 0.1 फीसदी बढ़ी है। इससे जल्दी रेट कट को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं। यूएस फेड सितंबर में ही अगला रेट कट कर सकता है। ब्याज दरें कम होने से सोने जैसे नॉन यील्डिंग एसेट को खरीदना आसान हो जाएगा और निवेशकों के लिए यह और आकर्षक बन जाएगा।
चीन और रूस से आ रही बड़ी डिमांड
इसके अलावा चीन और रूस यूएस डॉलर के अलावा दूसरे एसेट्स से अपने खजाने को डायवर्सिफाई करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। वे लगातार सोना खरीद रहे हैं, जो इसकी कीमतों को बढ़ाने का काम करेगा। इस डिमांड के चलते ही सोने की कीमत इस साल अब तक 29 फीसदी बढ़ गई है। पिछले 2 वर्षों में सोने का भाव करीब 70 फीसदी बढ़ गया है।
क्या है सोने की लेटेस्ट कीमत?
भारतीय बाजार में सोने के घरेलू वायदा भाव सोमवार शाम बढ़त के साथ ट्रेड करते दिखे हैं। एमसीएक्स एक्सचेंज पर सोना 400-5 00 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा था। इससे सोने का वायदा भाव 99,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब ट्रेड करता दिखाई दिया।