केंद्र सरकार के कर्मचारियों का इस साल प्रमोशन होना है। Patrika
Central government employees : केंद्रीय कर्मचारियों के इस साल प्रमोशन का मुद्दा फिर गरमा गया है। सरकार ने सख्त आदेश जारी कर सभी विभागों को खबरदार किया है कि वे किसी भी हाल अंतिम तारीख से पहले उसे निपटा दें, नहीं तो इसके बाद फाइल बिना उनके एसेसमेंट के आगे बढ़ जाएगी। जिन विभागों को डेडलाइन की याद दिलाई गई है, उनमें सेंट्रल सचिवालय सेवा (CSS), सेंट्रल स्टेनोग्राफर सर्विस (CSSS) और सेंट्रल सेक्रेटेरिएट क्लेरिकल सर्विस (CSCS) के अफसर और कर्मचारी शामिल हैं। जानकार बताते हैं कि हर साल की तरह इस बार भी कार्मिक विभाग का टार्गेट है कि वार्षिक परफॉर्मेंस असेसमेंट रिपोर्ट (APAR) समय पर पूरी हो जाए। इसके चलते केंद्र सरकार को एक बार फिर डेडलाइन देकर सभी मंत्रालयों को सख्त चेतावनी देनी पड़ी है।
कार्मिक मंत्रालय ने अपने लेटर में कहा है कि 2024-25 के लिए सभी अधिकारियों की APAR रिपोर्ट SPARROW पोर्टल के जरिए 1 जून 2025 को रिपोर्टिंग ऑफिसर के पास भेज दी गई हैं। अब रिपोर्टिंग अफसरों को 30 जून 2025 तक हर हाल में अपनी टिप्पणी दर्ज कर उसे आगे भेजना होगा। इसके बाद यह रिपोर्ट 1 जुलाई 2025 से स्वतः अगले स्तर को भेज दी जाएंगी।
क्या होता है APAR
ऑल इंडिया अकाउंट्स कमेटी के महासचिव हरिशंकर तिवारी बताते हैं कि वार्षिक परफॉर्मेंस असेसमेंट रिपोर्ट यानी APAR में न सिर्फ कर्मचारी का मूल्यांकन होता है, बल्कि प्रमोशन-डेप्युटेशन और नौकरी से जुड़े दूसरे बेनिफिट का सार भी रहता है। अगर किसी अधिकारी की APAR रिपोर्ट समय पर पूरी नहीं होती, तो उसका प्रमोशन रुक जाता है। उनके मुताबिक वर्तमान में CSS और CSSS कैडर के हजारों कर्मचारियों का प्रमोशन रुका हुआ है। वजह, APAR रिपोर्ट अधूरी है या तो रिपोर्टिंग अधिकारी ने समय पर काम नहीं किया।
कहां अटक सकती है फाइल
सूत्रों के मुताबिक, प्रमोशन की फाइलें रिपोर्टिंग अथॉरिटी और नोडल अफसरों के स्तर पर पेंडिंग हो सकती हैं। इनमें कुछ मामलों में तो कर्मचारियों ने समय रहते अपना self-appraisal भी नहीं भरा था, जिसे अब 1 जून को सिस्टम ने जबरन आगे बढ़ा दिया है। इसके बाद अब रिपोर्टिंग ऑफिसर को अपनी टिप्पणी दर्ज करनी है, लेकिन कई अफसर प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं। ऐसे में मंत्रालय ने सभी नोडल अधिकारियों से कहा है कि वे अपने विभाग के रिपोर्टिंग अफसरों को तुरंत टाइमलाइन की जानकारी दें और उन्हें प्रेरित करें कि वह 30 जून से पहले APAR फाइल करें।
क्या कहते हैं नियम?
तिवारी बताते हैं कि कार्मिक मंत्रालय के Office Memorandum के मुताबिक सभी self-appraisal स्वतः रिपोर्टिंग अधिकारी को फॉरवर्ड कर दिए गए हैं। 30 जून 2025 तक रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा टिप्पणी करने की आखिरी तारीख है, उसके बाद वह भी स्वत: आगे फॉरवर्ड कर दिए जाएंगे।
प्रमोशन के लिए जरूरी है रिपोर्ट का पूरा होना
तिवारी के मुताबिक हर साल हजारों केंद्रीय कर्मचारी प्रमोशन की उम्मीद करते हैं। लेकिन अगर उनकी APAR रिपोर्ट समय पर पूरी नहीं होती, तो डीपीसी (Departmental Promotion Committee) उनकी प्रोफाइल पर विचार ही नहीं करती। इसी कारण सरकार ने इस बार SPARROW पोर्टल के जरिए ऑटोमैटिक फॉरवर्डिंग सिस्टम अपनाया है, ताकि कोई भी कर्मचारी अथवा अफसर प्रक्रिया को जानबूझकर रोक न सके।
नोडल अफसरों पर जवाबदेही
मंत्रालय ने सभी विभागों के नोडल अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यह काम हाई प्रायोरिटी पर किया जाए। अगर रिपोर्टिंग अधिकारी समय पर रिपोर्ट पूरी नहीं करते हैं तो इसका असर प्रमोशन के साथ-साथ विभागीय छवि पर भी पड़ेगा। अफसरों को यह भी हिदायत दी गई है कि अगर वे रिपोर्टिंग के लिए उपलब्ध नहीं हैं, तो सिस्टम में वैकल्पिक अधिकारी नियुक्त करें, ताकि प्रक्रिया बाधित न हो।
कर्मचारी संगठनों ने रखी मांग
कई केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि प्रक्रिया को सरल और त्वरित किया जाए। जिन रिपोर्टिंग अधिकारियों की लापरवाही से रिपोर्ट लेट होती है, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो, और SPARROW पोर्टल को और ज्यादा यूजर फ्रेंडली बनाया जाए।
Hindi News / Business / 7th Pay Commission : प्रमोशन-इंक्रीमेंट की फाइल अटकी? सरकार ने दिया सख्त अल्टीमेटम