संपूर्ण स्वदेशी तकनीक
पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि हाइपरलूप परिवहन के लिए संपूर्ण परीक्षण प्रणाली स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके विकसित की गई है तथा उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी युवा अन्वेषकों को बधाई दी। मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही हाइपरलूप परिवहन के लिए तैयार हो जाएगा, क्योंकि हाइपरलूप परिवहन प्रौद्योगिकी, जो वर्तमान में विकासाधीन है, ने अब तक किए गए परीक्षणों में अच्छे परिणाम दिए हैं। रेल मंत्रालय ने हाइपरलूप परियोजना को वित्तीय निधि तथा तकनीकी सहायता प्रदान की है तथा अब इस हाइपरलूप परियोजना के लिए सभी इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी का विकास आइसीएफ चेन्नई में किया जाएगा। दिल्ली से जयपुर अब सिर्फ 30 मिनट में! आइसीएफ पर विश्वास
मंत्री ने कहा कि आइसीएफ फैक्ट्री के उच्च कुशल विशेषज्ञों ने वंदे भारत हाइ-स्पीड ट्रेनों के लिए लार्हे इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम को सफलतापूर्वक विकसित किया है, और इस हाइपरलूप परियोजना के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीक भी आइसीएफ में विकसित की जाएगी। बाद में, मंत्री ने गिण्डी में आइआइटी मद्रास परिसर का दौरा किया, जहां उन्होंने सेंटर फॉर इनोवेशन द्वारा ओपन हाउस 2025 नामक प्रदर्शनी देखी। उन्होंने छात्रों और युवा इनोवेटर्स के साथ बातचीत की। बातचीत के दौरान, उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में अग्रणी देश बनेगा।