पीठ ने एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका, वी.वी. मिनरल्स और 29 अन्य की याचिकाओं पर आदेश पारित किया। उसने कहा कि यह अदालत इस मामले को सीबीआइ को सौंपने के लिए उपयुक्त मामला मानती है और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को आपराधिक मामले दर्ज करने तथा जांच शुरू करने का निर्देश दिया जाता है। अदालत ने कहा कि सीबीआइ निदेशक इस घोटाले की जांच करने के लिए आवश्यक संख्या में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करेंगे, जिनमें विशेषज्ञता और उच्च निष्ठा वाले अधिकारी शामिल होंगे। पीठ ने कहा कि इसके अलावा, सीबीआइ निदेशक को गठित की जाने वाली एसआईटी की जांच की निगरानी करनी होगी।
पीठ ने कहा कि जिस मुख्य मुद्दे की जांच की जानी चाहिए, उसमें अवैध तटीय रेत खनन माफिया की कार्यप्रणाली, अधिकारियों की भूमिका शामिल है, जो सरकारी खजाने को हुए इस भारी आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं। इसने कहा कि इस बड़े घोटाले में राजनीतिक सांठगांठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि इसलिए सीबीआइ को कथित राजनीतिक सांठगांठ की जांच करने का निर्देश दिया जाता है, और निजी खनन कंपनियों के साथ साजिश रचने में नीति बनाने वाले अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाए।