द्रमुक ने केंद्र सरकार पर राज्यपाल के माध्यम से दखलंदाजी’ करने, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के जरिए राज्य की शिक्षा प्रणाली को क्षति पहुंचाने और द्रविड़-तमिल विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके अलावा, उसने केंद्र पर राज्य में तीन भाषा नीति की आड़ में हिंदी थोपने का भी आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार तमिलनाडु के साथ विश्वासघात कर रही है। ऐसे मेंं राज्य में केन्द्र सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन अपरिहार्य हो गया है।