शहर में 6075 लोगों को योजना का लाभ मिला
शहर के 6075 लोगों को आवास योजना का लाभ मिला है, जिसमें 311 हितग्राहियों ने राशि का दुरुपयोग किया गया। जिसमें प्रथम डीपीआर- 1556, द्वितीय डीपीआर-2100, तृतीय डीपीआर 1522, चतुर्थ डीपीआर- 878 लोगों के नाम स्वीकृत की गई। इसमें जांच में निकल कर आया है कि पहली डीपीआर में 13, दूसरी डीपीआर में 120, तीसरी डीपीआर में 140 चौथी डीपीआर में 38 हितग्राही है, जिन्होंने किस्त लेने के बाद मकान निर्माण में लापरवाही की।
5 से 6 साल पहले राशि लेकर नहीं की सही इस्तेमाल
अधिकांश लोगों को 5 या 6 वर्ष पहले यह राशि जारी हुई थी। योजना अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के बीएलसी घटक अंतर्गत चिह्नित किए गए पात्र लोगों को कुल 2.50 लाख रुपए मिलते हैं। इसके लिए सर्वप्रथम योजना में चिह्नित व्यक्ति की खाली भूमि की जियो टैगिंग की जाती है, तब उसे एक लाख रुपए की पहली किस्त जारी होती है। इसके बाद काम आरंभ करना होता है। अगले चरणों में आवास की प्रगति के आधार पर जियो टेग कर आगामी किस्त जारी होती है। जांच में यह पता चला कि 311 लोगों ने पहली किस्त ले तो ली, लेकिन निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं रखवाई।
पहली डीपीआर के है 13 लोग
प्रथम डीपीआर में 1556 में से 13 ऐसे लोग हैं जिनके खिलाफ नगर पालिका ने संबंधित इंजीनियर की रिपोर्ट के आधार पर उनसे कुर्की करने का विचार बना। लेकिन जब इन 13 नामों की जांच की और हितग्राहियों से बात की तो उसमें दो नाम ऐसे निकलकर आए। जिनकी नगर पालिका अधिकारियों के द्वारा जान-बूझ कर जियो टेगिंग नहीं की गई। जबकि हितग्राहियों द्वारा प्राप्त किस्त के हिसाब से निर्माण कार्य भी कराया जा चुका है और वह इस योजना की पात्रता भी रखते हैं।