डॉक्टर नहीं रहते मौजूद
आप नेता अमित भटनागर ने इस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जिले में एक सिंडिकेट सक्रिय है, जो डॉक्टरों की सरकारी अस्पतालों में नियुक्ति के बाद भी अस्पताल नहीं आने को मैनेज करता है। इसके परिणामस्वरूप मरीजों को इलाज के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिजावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल अस्पताल का दर्जा दिया गया है, लेकिन यहां सुविधाओं और डॉक्टरों की मौजूदगी के बावजूद, लोग स्वास्थ्य लाभ से वंचित हैं।
ये है डॉक्टरों की स्थिति
बिजावर अस्पताल में प्रभारी बीएमओ डॉ. आशीष चौरसिया सहित डॉ. बाला शुक्ला, डॉ. मधुसूदन चौरसिया, महिला चिकित्सक डॉ. आसिफा शब्बीर और डॉ. प्रिया त्रिपाठी की तैनाती की गई है। हालांकि, इन डॉक्टरों में से कुछ डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। डॉ. मधुसूदन चौरसिया को सटई अस्पताल अटैच किया गया है, जबकि डॉ. दीपक राम अहिरवार को लंबे समय तक बिजावर अस्पताल में अटैच किया गया था। हालांकि, दीपक राम चौरसिया का बॉन्ड पीरियड समाप्त होने पर वह अब इस सप्ताह रिलीव हो गए।
डॉक्टर नहीं मिलने से मरीज परेशान
बिजावर अस्पताल में तैनात डॉक्टरों के समय पर ना आने के कारण अस्पताल की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। मरीजों को इलाज के लिए सही समय पर डॉक्टर्स नहीं मिलते और आपातकालीन स्थिति में गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन जैसी बुनियादी सुविधाएं भी समय पर नहीं मिल पाती। बिजावर विधायक ने अस्पताल में ऑक्सीजन मशीनें उपलब्ध करवाई हैं, लेकिन फिर भी समय पर इनका उपयोग नहीं हो पा रहा। इस बीच, अस्पताल की एक्स-रे मशीन पिछले एक साल से खराब पड़ी हुई है, जिसे अभी तक सुधारा नहीं गया है। दुर्घटनाओं के दौरान घायल मरीजों को सही समय पर एक्स-रे जांच नहीं मिल पाती, जिससे उनके इलाज में और अधिक देरी हो जाती है और स्थिति गंभीर हो जाती है।
इनका कहना है
अस्पताल में डॉक्टरों की उपस्थिति की मॉनिटरिंग कराई जा रही है। ड्यूटी समय में अस्पताल में मौजूद न रहने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. आरपी गुप्ता, सीएमएचओ