इन स्टेशनों की ग्रेड सुधरी
खजुराहो, चित्रकूट धाम कर्वी, ललितपुर और महोबा स्टेशन एनएसजी-4 श्रेणी से उच्चीकृत होकर एनएसजी-3 श्रेणी में शामिल हो गए हैं। वहीं, बांदा और मुरैना स्टेशन पहले से ही एनएसजी-3 श्रेणी में थे। इसके अलावा, दतिया, उरई और डबरा जैसे स्टेशन अब एनएसजी-4 श्रेणी में रखे गए हैं, जबकि मऊरानीपुर, बबीना, तालबेहट और कालपी को एनएसजी-5 श्रेणी में रखा गया है।
डीआरएम मुख्यालय झांसी रेलवे स्टेशन का उन्नयन नहीं हो सका
हालांकि, झांसी रेलवे स्टेशन को इस रैंकिंग में कोई उन्नति नहीं मिली और वह एनएसजी-2 श्रेणी में ही बना रहा। झांसी का स्टेशन एनएसजी-2 श्रेणी में था, और रेलवे बोर्ड द्वारा हाल ही में जारी रैंकिंग में भी इसे इस श्रेणी में रखा गया। यह निराशाजनक है, क्योंकि झांसी स्टेशन की रैंकिंग में सुधार न हो पाने का मुख्य कारण जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही मानी जा रही है। झांसी स्टेशन पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में निरंतर कमी आ रही है, जिससे स्टेशन के उन्नयन की संभावना पर भी असर पड़ा है।
एनएसजी श्रेणियों का महत्व
रिलायंस और यात्री संख्या के आधार पर रेलवे बोर्ड द्वारा स्टेशनों की श्रेणियों का निर्धारण किया जाता है। स्टेशनों को एनएसजी (नॉन सबर्बन ग्रेड), एसजी (सबर्बन ग्रेड), और एचजी (हॉल्ट ग्रेड) श्रेणियों में बांटा जाता है, जिसमें एनएसजी श्रेणी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस श्रेणी को 1 से लेकर 6 तक विभाजित किया जाता है, और प्रत्येक श्रेणी के आधार पर रेलवे बोर्ड स्टेशनों के विकास और यात्री सुविधाओं में सुधार की योजना तैयार करता है।
खजुराहो स्टेशन के लिए विकास के नए रास्ते
खजुराहो रेलवे स्टेशन की श्रेणी में यह सुधार क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। तीसरी श्रेणी में आते ही खजुराहो में यात्री सुविधाओं का विस्तार होगा, और स्टेशन पर सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए नई योजनाओं पर काम किया जाएगा। खजुराहो, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, वहां के यात्रियों के लिए यह बदलाव काफी लाभकारी साबित हो सकता है।