स्वच्छ सर्वेक्षण में यहां कट सकते है अंक
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में कुल 12500 अंकों के आधार पर सर्वे किया जाएगा। इनमें से 11000 अंक सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, कचरा प्रथक्करण, सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध, चिह्नित डंप साइड उपचार, स्वच्छता एवं जल प्रबंधन जैसी गतिविधियों के लिए निर्धारित किए गए हैं। वहीं, 1500 अंक सिर्फ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए हैं, जो कचरा प्रसंस्करण केंद्रों पर निर्भर करेंगे। हालांकि, जिले के अधिकांश कचरा प्रसंस्करण केंद्र पहले से ही बंद पड़े हैं, और कुछ नगरीय निकायों ने स्वच्छता सर्वेक्षण के मद्देनजर इन केंद्रों का संचालन शुरू किया है।
नौगांव में कचरा प्रसंस्करण केंद्र ठप
जिले के विभिन्न नगरीय निकायों में बने कचरा प्रसंस्करण केंद्रों की स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है। नौगांव नगर पालिका द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए ट्रेंचिंग ग्राउंड पर करीब 26 लाख रुपए खर्च किए गए थे। इस केंद्र के माध्यम से कचरे का निपटान और खाद निर्माण की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह ट्रेंचिंग ग्राउंड ढाई साल से बंद पड़ा है। यहां पर खरीदी गई लाखों रुपए की मशीनें भी निष्क्रिय हैं। इसके बावजूद नगर पालिका ने 51 लाख रुपए की और मशीनें खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं।
लवकुशनगर में कचरा केंद्र का निर्माण और विद्युत कनेक्शन की समस्या
लवकुशनगर नगर परिषद ने सिंगवापुरवा में कचरा प्रसंस्करण केंद्र का निर्माण तीन साल पहले किया था, लेकिन यह केंद्र अभी तक चालू नहीं हो सका है। नगर परिषद ने लाखों रुपए की मशीनें खरीदी हैं, लेकिन कचरा केंद्र में विद्युत कनेक्शन नहीं होने के कारण ये मशीनें संचालन में नहीं लाई जा रही हैं। इन मशीनों को नगर के मंगल भवन में रखा गया है, जहां पिछले 6 महीने से ये मशीनें धूल खा रही हैं। इसके अलावा, नगर परिषद ने अब और मशीनों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है।
बारीगढ़ में कचरा निस्तारण की मुश्किलें
बारीगढ़ नगर परिषद द्वारा नगर के बाहर मुख्य सडक़ किनारे एक ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाया गया था, जिसमें नगर की नालियों और घरों से निकलने वाले कचरे का निष्पादन किया जा सके। हालांकि, इस ग्राउंड में कचरा खुले में पड़ा रहता है क्योंकि वहां कोई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं रहता और न ही दरवाजा बंद किया जाता है। इस स्थिति के कारण आवारा मवेशी ग्राउंड में आकर बैठते हैं, जिससे कचरे का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। नगर परिषद ने यहां कचरा प्रसंस्करण की मशीनें खरीदी हैं, जो अब तक निष्क्रिय पड़ी हैं। इस वजह से न तो नगर में कचरे का सही तरीके से निस्तारण हो पा रहा है और न ही शहर में गंदगी से मुक्ति मिल रही है।
स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी के लिए पीओ डूडा की दिशा-निर्देश
स्वच्छ सर्वेक्षण में कचरा प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए पीओ डूडा साजिदा कुरैशी ने कचरा प्रसंस्करण केंद्रों का निरीक्षण करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान कचरा प्रबंधन को सही तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि नगरीय निकायों की रैंकिंग प्रभावित न हो और स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर परिणाम प्राप्त किया जा सके।
पत्रिका व्यू
स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम नगरवासियों के जीवन स्तर और शहर की साफ-सफाई पर बड़ा असर डालते हैं। अगर नगर निगम और नगर परिषदें सही तरीके से कचरा प्रबंधन, सफाई कार्य और अन्य आवश्यक स्वच्छता गतिविधियों को संचालित करती हैं, तो जिले को उच्च रैंकिंग प्राप्त हो सकती है, जिससे शहर का नाम रोशन होगा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की तैयारियों को लेकर जिले में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन कचरा प्रसंस्करण केंद्रों की समस्या और कुछ निकायों की निष्क्रियता स्वच्छता रैंकिंग को प्रभावित कर सकती है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सभी नगरीय निकायों को जागरूक होकर आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है, ताकि स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छे परिणाम मिल सकें और जिले की छवि में सुधार हो सके।