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छतरपुर

डॉक्टर ने बुजुर्ग से की मारपीट, घटीसटकर ले गए पुलिस चौकी,वीडियो वायरल होने पर दर्ज हुई एफआईआर, नौकरी भी गई

पर्चा फाड़ा और फिर कान के नीचे थप्पड़ मारने लगे। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के एक कंपाउंडर की मदद से बुजुर्ग को पकडकऱ पुलिस चौकी तक घसीटा और वहीं उन्हें जमीन पर पटक कर लात-घूंसे बरसाए।

छतरपुरApr 21, 2025 / 10:21 am

Dharmendra Singh

viral video

वायरल वीडियो

छतरपुर. जिला अस्पताल से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। 77 वर्षीय बुजुर्ग मरीज उधललाल जोशी के साथ अस्पताल के एक संविदा डॉक्टर व रेडक्रास कर्मी ने न केवल अभद्रता की बल्कि मारपीट कर उन्हें जमीन पर पटक दिया। घसीटते हुए पुलिस चौकी ले गए। यह पूरी घटना अस्पताल परिसर में हुई, जिसका वीडियो रविवार को वायरल हुआ और मामला गरमा गया।
नौगांव निवासी बुजुर्ग उधवलाल जोशी अपनी 70 वर्षीय पत्नी लाली जोशी के इलाज के लिए 17 अप्रेल की सुबह करीब 30 किलोमीटर दूर से जिला अस्पताल आए थे। ओपीडी रूम नंबर 11 के बाहर टोकन नंबर 178 लेकर लाइन में खड़े थे। डॉक्टर के देरी से आने पर उन्होंने सामान्यत कारण पूछा, लेकिन सवाल पूछना उन्हें महंगा पड़ गया। पीडि़त के अनुसार, ड्यूटी डॉक्टर राजेश मिश्रा ने नाराज़ होकर पहले उनका पर्चा फाड़ा और फिर कान के नीचे थप्पड़ मारने लगे। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के एक कंपाउंडर की मदद से बुजुर्ग को पकडकऱ पुलिस चौकी तक घसीटा और वहीं उन्हें जमीन पर पटक कर लात-घूंसे बरसाए।

वीडियो वायरल, अधिकारियों ने लिया संज्ञान

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मच गया। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने तत्काल जांच के आदेश दिए और एसडीएम अखिल राठौर एवं सिविल सर्जन जीएल. अहिरवार को लेकर एक जांच टीम अस्पताल पहुंची। टीम ने पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को सौंपी, जिसमें संविदा डॉक्टर राजेश मिश्रा और रेड क्रॉस के कर्मचारी राघवेंद्र खरे की सीधी भूमिका को उजागर किया गया। इसके आधार पर दोनों को ड्यूटी से हटाने का सुझाव दिया गया।

एफआईआर व नोटिस जारी

जांच प्रतिवेदन के आधार पर सिटी कोतवाली थाना में डॉक्टर राजेश मिश्रा और एक अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 115(2), 296, 3(5) और 35 (3) में मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक सलोनी सिडाना ने डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।

रेड क्रॉस कर्मचारी की सेवा समाप्त

जिला अस्पताल में बुजुर्ग मरीज से मारपीट के वायरल वीडियो मामले में कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने रेडक्रॉस कर्मचारी राघवेंद्र खरे पर कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल सेवा समाप्ति के आदेश दिए हैं। 17 अप्रेल के वायरल वीडियो में डॉ. राजेश मिश्रा के साथ राघवेंद्र खरे बुजुर्ग को घसीटते हुए नजर आए थे। जांच समिति की रिपोर्ट और असंतोषजनक जवाब के आधार पर कलेक्टर ने यह फैसला लिया। प्रशासन ने इसे घोर आपत्तिजनक और अक्षम्य कृत्य बताया है।

डॉक्टर ने दी सफाई

डॉक्टर मिश्रा का कहना है कि चैंबर में आते ही बुजुर्ग ने उन्हे चांटा मारा, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया, फिर बुजुर्ग ने गाली गलौज की तब उन्हें अस्पताल चौकी ले जाना पड़ा। वे लगातार अपशब्द कह रहे थे। मामले की जांच में सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।

अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण न रख पाने पर सिविल सर्जन निलंबित, सीएमएचओ को प्रभार


बुजुर्ग दंपत्ति के साथ अमानवीय व्यवहार मामले में जिला चिकित्सालय में तैनात प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण रखने में पूर्णत: विफल रहने का तथ्य सामने आया है। डॉ. अहिरवार को सौंपी गई ज़िम्मेदारी थी कि वे अस्पताल में आने वाले हर मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलवाएं, परंतु वायरल वीडियो से स्पष्ट है कि वे अपने पद के कर्तव्यों के निर्वहन में असफल साबित हुए हैं।
जिस पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ सलोनी सिडाना ने लापरवाही और अनुशासनहीनता के चलते डॉ. जीएल अहिरवार पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें नियम 9(1) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बालाघाट के अधीन निर्धारित किया गया है। वहीं, जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक का चार्ज अस्थायी रूप से प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छतरपुर को सौंपा गया है।

डॉ. राजेश मिश्रा की सेवाएं समाप्त


संविदा स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारी (हड्डी रोग विशेषज्ञ) डॉ. राजेश कुमार मिश्रा के सेवा अनुबंध को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। यह निर्णय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मानव संसाधन मैनुअल 2025 की कंडिका क्रमांक 12.4(2) के अंतर्गत लिया गया है, जिसमें संविदा कर्मियों के आचरण से संबंधित स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। मैनुअल की उपरोक्त कंडिका के अनुसार डॉ. मिश्रा का आचरण कदाचरण की श्रेणी में पाया गया, जो अनुशासनहीनता का स्पष्ट मामला है। मिशन संचालक डॉ. सलोनी सिडाना द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कदाचरण की पुष्टि होने पर संविदा सेवा अनुबंध को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है, और इसी आधार पर यह कार्रवाई की गई।

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