सैंपल रिपोर्ट पर प्रशासन करेगा कार्रवाई
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने इस बात की पुष्टि की कि गिरधारी और लवकुशनगर स्थित किसान, पटेल गुटखा फैक्ट्रियों में व्यापक अनियमितताएं पाई गईं हैं, जिसके बाद केजीआरएस इंटरप्राइजेज का लाइसेंस पहले ही निरस्त कर दिया गया है। कलेक्टर ने कहा कि तंबाकू और गुटखा न केवल कैंसर का कारण बनते हैं, बल्कि समाज के लिए भी हानिकारक हैं। पान मसाले की आड़ में तंबाकू मिश्रित गुटखा बनाना भी गलत है। प्रशासन ने इन फैक्ट्रियों से 9 सैंपल लिए थे, जिन्हें जांच के लिए भोपाल भेजा गया है। इन सैंपल रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कारोबार के दस्तावेजों में खामियां
एंटी इवेजन ब्यूरो के असिस्टेंट कमिश्नर विवेक दुबे ने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि इतनी बड़ी मात्रा में कारोबार होने के बावजूद संबंधित फर्म द्वारा पर्याप्त बिल पेश नहीं किए गए हैं। दस्तावेजों के अनुसार उक्त फर्म का कारोबार केवल 1 फरवरी 2025 से शुरू हुआ है, जिससे यह केवल डेढ़ महीने का हिसाब दिखाया जा रहा है। फिलहाल मामले की गहन जांच जारी है, और यदि फर्म के बड़े पैमाने पर कारोबार करने के और भी साक्ष्य मिलते हैं, तो उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पत्रिका व्यू
यह मामले प्रशासन और संबंधित एजेंसियों द्वारा गंभीरता से जांचे जा रहे हैं, और आने वाले समय में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि गुटखा और तंबाकू उत्पादों से संबंधित इस तरह के अनियमितताएं और अपराध समाज के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी हैं, और इससे सख्ती से निपटने की जरूरत है।