26 करोड़ खर्च से 200 बेड बढेंगे
उल्लेखनीय है कि जिस प्रकार से जिला अस्पताल में आकस्मिक दुर्घटना के मरीजों को तत्काल उपचार देने के लिए ट्रॉमा केयर सेंटर खोला गया है, ठीक उसी प्रकार से क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण भी किया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा इस यूनिट के निर्माण हेतु लगभग 26 करोड़ की राशि प्रदान की गई है। क्रिटिकल केयर यूनिट में 200 बेड होंगे ताकि गंभीर और असाध्य रोग के मरीजों को इस यूनिट में भर्ती कर अलग से इलाज किया जा सके। इस यूनिट में ऑक्सीजन की सप्लाई से लेकर वेंटिलेटर तक विभिन्न प्रकार के आधुनिक उपकरण उपलब्ध रहेंगे। यूनिट के लिए चिकित्सकों की भर्ती भी शासन स्तर पर अलग से की जाना है, ताकि यूनिट में हर समय एक से दो डॉक्टरों की ड्यूटी इमरजेंसी में लगाई जा सके। यूनिट तैयार होने के बाद जिले के गंभीर और असाध्य रोग से पी?ित मरीजों को रेफर प्रणाली से छुटकारा मिलने की भी संभावना है।
दो पार्ट में जारी किए टेंडर
मध्यप्रदेश भवन विकास निगम के उप महाप्रबंधक चन्द्रमणि मिश्रा ने बताया कि सर्वप्रथम इस यूनिट को जी+2 अर्थात ग्राउंड फ्लोर सहित 2 फ्लोर का बनाया जाना था लेकिन बाद में इसी यूनिट में महिला विंग को भी शामिल किया गया और इसे जी+2 से जी+4 यानि की ग्राउंड फ्लोर सहित 4 फ्लोर का कर दिया गया। उन्होंने बताया कि यूनिट के निर्माण के लिए दो टेंडर जारी किए गए थे, जिनमें पहला टेंडर भवन निर्माण के लिए था जबकि दूसरा टेंडर इलैक्ट्रीफिकेशन कार्य के लिए। भवन निर्माण का कार्य मेसर्स सुरेशचंद्र गुप्ता कंपनी द्वारा 21 करोड़ 49 लाख की लागत से किया गया है, जबकि इलैक्ट्रीफिकेशन का कार्य धुव्र एलएलपी.कॉर्पोरेशन द्वारा 4 करोड़ 90 लाख की लागत से किया जा रहा है।
मैटरनिटी विंग में 100 बेड
उप महाप्रबंधक चंद्रमणि मिश्रा ने बताया क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। इसमें 100 पलंग मैटरनिटी विंग के लिए आरक्षित होंगे। तीसरी मंजिल पर आईसीयू का निर्माण किया गया है तथा सभी बेड के लिए ऑक्सीजन सप्लाई लाइन मौजूद रहेगी। इसके अलावा यूनिट में आधुनिक सुविधायुक्त ऑपरेशन थिएटर, एच.व्ही.ए.सी., ऑटोमैटिक फायर सिस्टम जैसी सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी।
अभी 5 से 6 माह का समय और लगेगा
मिश्रा ने बताया कि मेसर्स सुरेशचंद्र गुप्ता कंपनी के साथ भवन निर्माण का अनुबंध 5 जून 2023 को हुआ था और कंपनी ने अगस्त 2023 से काम शुरु कर दिया था। कार्य को पूरा करने के लिए समय सीमा 4 दिसंबर 2024 तक थी, लेकिन इलैक्ट्रीफिकेशन कार्य की स्वीकृति देरी से मिलने के कारण समय थोड़ा अधिक लग रहा है। उन्होंने बताया कि भवन का शेष कार्य पूरा होने में अभी करीब 5 से 6 माह का समय और लगने की संभावना है।