सिग्नल चालू न होने से भी समस्या
शहर में ट्रैफिक कंट्रोल के लिए 20 प्वाइंट बनाए गए हैं, लेकिन पुलिस बल की कमी के कारण केवल 12 प्वाइंटों पर ही ड्यूटी लगाई जाती है। यही कारण है कि जब कभी कहीं जाम लगता है, तो वहां पुलिस पहुंचने में देरी हो जाती है। शहर के ट्रैफिक का दबाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि शहर के अंदर से दो नेशनल हाइवे गुजरते हैं, जिनसे रोजाना लगभग 20000 वाहन निकलते हैं। इसके अलावा, शहर में 3 लाख के आसपास दोपहिया और चार पहिया वाहन हैं, जो ट्रैफिक समस्या को और बढ़ाते हैं।
हालांकि, छत्रसाल चौराहे पर जाम की समस्या से निपटने के उपायों की योजना बनाई जा रही है। यातायात पुलिस ने चार प्रमुख स्थानों पर 45 लाख रुपए की लागत से ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम लगाए थे, लेकिन उनमें से केवल एक सिग्नल चालू है। बाकी तीन सिग्नल खराब पड़े हुए हैं, जिनमें पन्ना नाका, फव्वारा चौक और छत्रसाल चौक शामिल हैं।
ब्लू प्रिंट तैयार कर रहे
यातायात प्रभारी बृहस्पति साकेत के अनुसार, शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए ब्लूप्रिंट पर काम चल रहा है। आने वाले दिनों में महानगरों की तर्ज पर शहर का ट्रैफिक सिस्टम व्यवस्थित किया जाएगा। इसके तहत चौराहों का चौड़ीकरण और सभी स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएंगे। नपा द्वारा रोड चौड़ीकरण का काम भी शुरू किया गया है, जिसके बाद छत्रसाल चौराहे पर जाम की समस्या से कुछ हद तक निजात मिल सकेगी।
पार्किँग व रूट बनाकर भी करेंगे सुधार
इसके अलावा, ट्रैफिक पुलिस ने ई-रिक्शा और ऑटो वाहन के लिए 9 रूट भी निर्धारित किए हैं। ये रूट बस स्टैंड, फव्वारा चौक, छत्रसाल चौराहा, महलों, रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख स्थानों से गुजरेंगे। इस योजना के तहत पार्किंग को भी व्यवस्थित किया जाएगा, ताकि वाहनों को निर्धारित रूट पर चलाने में कोई समस्या न हो। हालांकि, अभी तक इन योजनाओं पर अमल में देरी हो रही है, जिससे शहरवासियों को जाम और ट्रैफिक समस्या से निजात मिलने में वक्त लग सकता है।
फैक्ट फाइल
रजिस्टर्ड वाहन- 3 लाख
ट्रैफिक सिग्नल- 04
चालू सिग्नल- 01
ट्रकों की संख्या- 2500
बसों की संख्या-500
नेशनल हाइवे पर ट्रैफिक दबाव- 20 हजार वाहन प्रतिदिन