scriptवायर फ्रेम: जिले के 63 सरकारी स्कूलों में नहीं हो पाया बिजली कनेक्शन, प्रक्रिया में उलझी सुविधा | Wire frame: Electricity connection could not be made in 63 government schools of the district, facility got entangled in the process | Patrika News
छतरपुर

वायर फ्रेम: जिले के 63 सरकारी स्कूलों में नहीं हो पाया बिजली कनेक्शन, प्रक्रिया में उलझी सुविधा

तीन माह पूर्व इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए डीपीसी कार्यालय ने एक प्रस्ताव बनाकर प्रदेश शिक्षा विभाग को भेजा था, लेकिन अब तक केवल दो स्कूलों के लिए आंशिक बजट स्वीकृत हुआ है, वह भी अपर्याप्त है।

छतरपुरMay 03, 2025 / 10:34 am

Dharmendra Singh

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एआई जनरेटेड फोटो

छतरपुर. जिले के 63 शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में आज भी बिजली का कनेक्शन नहीं है। वर्षों से यह स्कूल विद्युत सुविधा से वंचित हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई और विशेषकर गर्मी व बारिश के मौसम में उनका विद्यालय में ठहर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। तीन माह पूर्व इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए डीपीसी कार्यालय ने एक प्रस्ताव बनाकर प्रदेश शिक्षा विभाग को भेजा था, लेकिन अब तक केवल दो स्कूलों के लिए आंशिक बजट स्वीकृत हुआ है, वह भी अपर्याप्त है।

इन इलाकों के स्कूलों का प्रस्ताव


प्रस्ताव में लवकुशनगर ब्लॉक के 17, बड़ामलहरा के 15, छतरपुर और राजनगर के 9-9, बकस्वाहा के 6, नौगांव के 5 और बारीगढ़ व बिजावर के 1-1 स्कूलों को शामिल किया गया था। प्रदेश शिक्षा विभाग ने केवल दो स्कूल राजनगर के माध्यमिक विद्यालय करौंदया पुरवा और बड़ामलहरा के सिरोंज खेरा को 22-22 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की। लेकिन जब स्कूल प्रशासन बिजली कंपनी से संपर्क में गया तो कंपनी ने क्रमश: 4.50 लाख और 4.25 लाख रुपए का भारी-भरकम एस्टीमेट थमा दिया।

ट्रांसफार्मर की दूरी के चलते बढ़ा खर्चा


दरअसल, दोनों स्कूलों की ट्रांसफार्मर से दूरी काफी अधिक है। करौंदया पुरवा स्कूल की दूरी लगभग 900 मीटर और सिरोंज खेरा की दूरी 800 मीटर है, जिससे लाइन बिछाने, खंभे लगाने और अन्य तकनीकी कार्यों में लागत कई गुना बढ़ गई है। ऐसे में स्वीकृत राशि पूरी तरह से असहाय साबित हो रही है।

मंत्री-सांसद के इलाके के स्कूलों में भी समस्या


जिले के राज्य मंत्री और सांसद के क्षेत्र के स्कूलों में बिजली सुविधा नहीं है। जिले के सबसे अधिक 17 बिजली विहीन स्कूल लवकुशनगर ब्लॉक में हैं, जो कि राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार का क्षेत्र है। यह क्षेत्र खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में आता है, जहां से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सांसद हैं। वहीं बड़ामलहरा क्षेत्र, जहां 15 स्कूलों में बिजली नहीं है, कांग्रेस विधायक का क्षेत्र है लेकिन सांसद भाजपा के हैं। इससे यह सवाल उठता है कि जब एक ओर मंत्री और दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष सांसद हों, तब भी क्षेत्र की बुनियादी समस्याएं क्यों अनदेखी हो रही हैं? जानकारों का मानना है कि यदि दोनों नेता चाहें तो अपनी विधायक और सांसद निधि से इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।

ये कह रहे अधिकारी


डीपीसी एएस पांडेय ने जानकारी दी कि जिन दो स्कूलों के लिए राशि स्वीकृत हुई थी, वहां दूरी अधिक होने के कारण भारी एस्टीमेट आया। अब पुन: संशोधित प्रस्ताव तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजा गया है ताकि आगामी सत्र से पहले समाधान निकल सके। बहरहाल, यदि समय रहते प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया, तो जिले के दर्जनों स्कूलों में नया शिक्षा सत्र भी अंधेरे और उमस के बीच ही शुरू होगा।

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