तेलंगाना की CID के मुताबिक हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में कम से कम 2.32 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह गड़बड़ी सिर्फ एक-दो नहीं, छह अलग-अलग खर्चों में की गई है। एफआईआर के अनुसार, कैटरिंग सेवाओं की फर्जी बुकिंग से लेकर इलेक्ट्रिकल सामान की खरीद तक सब कुछ घोटाले का हिस्सा है।
CID की यह जांच तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव डी. गुरुवा रेड्डी द्वारा 9 जून 2025 को दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की जा रही है। एफआईआर में बताया गया है कि HCA अध्यक्ष जगन मोहन राव ने अपनी एपे़क्स काउंसिल के कुछ अन्य सदस्यों के साथ मिलकर करीब 1.03 करोड़ रुपये का घोटाला किया है।
उन्होंने यह रकम 2024-25 के घरेलू सीज़न में क्रिकेट बॉल खरीद के नाम पर खर्च करने का दावा किया, लेकिन असल में मामला कुछ और ही निकला है।
एफआईआर के मुताबिक करीब 1.03 करोड़ रुपये खर्च करके सिर्फ 1,340 क्रिकेट बॉल खरीदी गईं हैं। इतना ही नहीं, अध्यक्ष राव ने टेंडर प्रक्रिया को पूरी तरह दरकिनार कर दिया और स्टॉक रजिस्टर तक का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा। यानी न पारदर्शिता, न ज़िम्मेदारी सब कुछ मनमर्जी से हुआ। इसी तरह, 11.85 लाख रुपये की राशि को नई एयर कंडीशनर की खरीद पर खर्च दिखाया गया है।
एफआईआर के अनुसार, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023-24 और 2024-25 के लिए प्लंबिंग सामग्री की खरीद में 21.7 लाख रुपये का कथित गबन किया गया। इसी तरह, आईपीएल के 18वें सीजन के लिए इलेक्ट्रिक सामग्री की खरीद में 6.85 लाख रुपये का भी कथित दुरुपयोग हुआ है।
एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि कैटरिंग का काम गलत तरीके से एक निजी कंपनी को 31.07 लाख रुपये में दे दिया गया। इतना ही नहीं, बीसीसीआई के 2024-25 घरेलू सीज़न के लिए स्पोर्ट्स परिधान खरीद के नाम पर भी 56.84 लाख रुपये का गबन किया गया है।
जगन मोहन राव, श्रीनिवास राव और सुनील कांते को 9 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। उन पर धारा 465 (जालसाजी के लिए सजा), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली रूप में इस्तेमाल करना), 403 (सम्पत्ति का बेईमान गबन), 409 (सार्वजनिक सेवक, बैंककर्मी, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) के साथ धारा 34 (सामान्य उद्देश्य) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
2023 के HCA चुनावों में ए. जगन मोहन राव और दो अन्य पर जालसाजी का गंभीर आरोप है। CID की जांच में पता चला कि राव ने एक क्रिकेट क्लब की सदस्यता का जाली सर्टिफिकेट बना लिया था। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव लड़ने के लिए बोर्ड से मान्यता प्राप्त किसी क्रिकेट क्लब का सदस्य होना अनिवार्य है। इस मामले में, गौलीपुरा क्रिकेट क्लब के दो बड़े अधिकारी सी. राजेंद्र यादव और जी. कविता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। बाद में ये क्लब श्री चक्र क्रिकेट क्लब के नाम से जाना गया। 9 जुलाई को दोनों को हिरासत में लिया गया ताकि चुनावी भ्रष्टाचार की गुत्थी सुलझाई जा सके।
CID ने राव और अन्य गिरफ्तार हुए HCA अधिकारियों पर आईपीएल फ्रैंचाइज़ी सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के अधिकारियों को ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया है कि उन्हें कंप्लिमेंट्री टिकट और कॉर्पोरेट बॉक्स की पहुंच से वंचित रखा गया, साथ ही धमकाने और ब्लैकमेल करने की बातें भी सामने आई हैं। ये सब खुलासे ADGP CID चारु सिन्हा के बयान में किए गए हैं, जो इस पूरे मामले को और गंभीर बनाते हैं।
सनराइजर्स हैदराबाद के मैनेजर टीबी श्रीनाथ ने HCA के कोषाध्यक्ष श्रीनिवास को एक मेल भेजकर इसकी शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 27 मार्च को लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के खिलाफ मैच से पहले HCA के कर्मचारियों ने कॉर्पोरेट बॉक्स को बंद कर दिया था और उसे तब तक खोलने से इनकार कर दिया जब तक उनको 20 अतिरिक्त मुफ्त टिकट नहीं दिए जाते।
सनराइजर्स हैदराबाद ने आरोप लगाया कि HCA अध्यक्ष ने एसआरएच, HCA और बीसीसीआई के बीच हुए समझौते का उल्लंघन किया है। इस समझौते के तहत एसआरएच हैदराबाद क्रिकेट संघ को 3,900 टिकट देता है, जोकि स्टेडियम की कुल क्षमता का 10 प्रतिशत होता है।