“दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह संतुलित करते हैं। जाहिर है कि डकी ने बड़ा स्कोर किया जो जीत में अहम रहा। लेकिन मुझे लगा जैक का शांत रहना, स्थिति को समझना और यह जानना कि डकी तेजी से रन बना रहा है, यह सब बहुत महत्वपूर्ण था।” हालांकि इंग्लैंड की टीम हाल के वर्षों में आक्रामक बैटिंग के लिए जानी जाती है, लेकिन इस बार डकेट और क्रॉली ने संभलकर शुरुआत की। सुबह के सत्र में बुमराह जैसे खतरनाक गेंदबाज के सामने उन्होंने संयम दिखाया, और जैसे ही प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर जैसे गेंदबाज आए, डकेट ने रफ्तार बढ़ाई और 66 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया।
डकेट ने प्रेजेंटेशन में कहा, “उस समय हमारे लिए बिना विकेट गंवाए खेलना जरूरी था। सुबह हम दोनों के बीच यह साफ था कि अगर हम पूरे दिन अपनी सामान्य रफ्तार से खेलते हैं, तो लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। हमने ज्यादा सोच-विचार नहीं किया। बुमराह के पहले स्पेल और नई गेंद से निकल जाना जरूरी था, उसके बाद हम अपने नैचुरल गेम में आ गए।” बुमराह के बारे में डकेट ने कहा, “वो वर्ल्ड-क्लास गेंदबाज हैं। पहली पारी में उन्होंने शानदार गेंदबाजी की, इसलिए दूसरी पारी में उन्हें बेअसर करना हमारे लिए बहुत बड़ी चीज थी। हर बल्लेबाज का खेलने का तरीका अलग होता है, लेकिन मुझे लगता है हमने आज उन्हें बहुत अच्छी तरह खेला।”
डकेट ने बताया कितना था दबाव
हालांकि टेस्ट का अंत इंग्लैंड ने तेजी से किया, लेकिन डकेट ने माना कि मैच के कई हिस्सों में वे “पूरी तरह दबाव में थे”। बुमराह की शानदार गेंदबाजी और भारत की पांच शतकीय पारियों (दोनों पारियों में विकेटकीपर ऋषभ पंत की सेंचुरी शामिल) ने इंग्लैंड को पीछे धकेल दिया था। स्टोक्स ने अपनी टीम के जज्बे की विशेष रूप से तारीफ की और जॉश टंग के दोनों पारियों में योगदान को सराहा, जिन्होंने “रैबिट-पाई” जैसे स्पेल से मैच में अहम योगदान दिया। स्टोक्स ने कहा, “इस टेस्ट मैच को जीतने में कई लोगों का योगदान रहा, लेकिन सबसे जरूरी थी टीम की सोच। हम इस मैच में दो बार लंबे समय तक फील्ड पर थे, लेकिन हर सेशन में हमारा रवैया यही था कि हम किसी भी समय गेम को पलट सकते हैं। हमें हमेशा विश्वास था कि हम मैच पलटने से दो-तीन विकेट दूर हैं और जॉश टंग का दोनों पारियों की स्पेल्स गेम-चेंजर रहा।”