10,000 रन बनाने से सिर्फ एक रन से चूकने पर छलका स्टीव स्मिथ का दर्द, बोले- रात भर सो नहीं सका
Steve Smith: ऑस्ट्रेलिया ने भले ही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 1-3 से जीत ली है, लेकिन उसके दिग्गज बल्लेबाज स्टीव स्मिथ को हमेशा इस चीज का मलाल रहेगा कि वह घरेलू दर्शकों के सामने अपने 10000 रन पूरे करने से सिर्फ एक रन से चूक गए।
Steve Smith: ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने अब जाकर खुलासा किया कि भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के सिडनी टेस्ट के दौरान 10,000 रन बनाने का दबाव उन पर काफी भारी पड़ा। अबर स्मिथ एक रन और बना लेते तो वह ये उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बन जाते। हालांकि वे इस उपलब्धि तक पहुंचने से एक रन से चूक गए, क्योंकि इस टेस्ट में 38 रन की दरकार थी और उन्होंने दो पारियों में 33 और 4 रन बनाए। स्मिथ ने स्वीकार किया कि हालांकि वे आम तौर पर सांख्यिकीय उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करने से बचते हैं, लेकिन 10,000 रनों के महत्व ने इसे एक अलग चुनौती बना दिया और मैच से पहले रात को वह ठीक से सो भी नहीं सके।
स्टीव स्मिथ ने कहा कि मैं आंकड़ों और अन्य चीजों के बारे में बहुत ज्यादा नहीं पढ़ता, लेकिन 10,000 रन एक अलग ही चीज है। ईमानदारी से कहूं तो शायद यह मेरे दिमाग में था। आमतौर पर मैं ऐसी किसी भी चीज पर विश्वास नहीं करता, लेकिन खेल से पहले मैं मीडिया में बहुत कुछ सुन रहा था, क्योंकि मैं उस निशान के करीब पहुंच रहा था।
‘मेरे दिमाग में किसी भी अन्य खेल से ज्यादा चल रहा था’
उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि मुझे 38 की जरूरत है और मैं वास्तव में रात को सोने की कोशिश करते हुए केवल जोश हेजलवुड की शर्ट के पीछे की ओर देख सकता था, क्योंकि वह 38 नंबर का है (हंसते हुए)। यह अजीब है, है न? ईमानदारी से कहूं तो यह शायद मेरे दिमाग में किसी भी अन्य खेल से ज्यादा चल रहा था। लेकिन, यह जो है, सौभाग्य से हम अंत में उस खेल को जीतने में सफल रहे। इसलिए यह वास्तव में मायने नहीं रखता था।
श्रीलंका के खिलाफ एक रन बनाते ही हासिल कर लेंगे मुकाम
अब स्टीव स्मिथ का श्रीलंका के खिलाफ गॉल में 29 जनवरी से शुरू होने वाले पहले टेस्ट में इस मुकाम तक पहुंचना लगभग तय है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि यह काफी खास है। मैं गॉल में पहले दिन ही इसे हासिल कर सकता हूं। लेकिन, सिडनी में अपने सभी दोस्तों और परिवार के सामने ऐसा कर पाना बहुत अच्छा होता, क्योंकि मुझे लगता है कि आप वहां एक बेहतरीन समूह में शामिल हो रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
‘सपना सच होने जैसा’
उन्होंने अंत में कहा कि एक बच्चे के रूप में मैंने कभी ऐसा सपना नहीं देखा था। मैंने ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट खेलने और ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए अपना करियर बनाने का सपना देखा था। ऐसे में इस मुकाम तक पहुंचने में सक्षम होना, एक तरह से सपना सच होने जैसा है।