कोहली ने सोमवार को इंस्टाग्राम के जरिए बताया कि वह तुरंत प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट छोड़ रहे हैं। कोहली ने अपने करियर में 123 टेस्ट मैचों में 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए। उनका यह फैसला कप्तान रोहित शर्मा के टेस्ट संन्यास के केवल पांच दिन बाद आया।
कैफ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि कोहली टेस्ट खेलना जारी रखना चाहते थे। शायद बीसीसीआई और चयनकर्ताओं के साथ कुछ अंदरूनी बातचीत हुई होगी। पिछले कुछ सालों में उनके फॉर्म को लेकर चिंता जताई गई होगी और उन्हें टीम से बाहर करने की बात कही गई होगी। हमें असली कारण शायद कभी पता न चले, लेकिन यह कहना कठिन नहीं कि पर्दे के पीछे कुछ जरूर हुआ है।”
कैफ का मानना है कि कोहली रणजी ट्रॉफी खेलने के बाद टेस्ट टीम में वापसी करना चाहते थे। उन्होंने कहा, “रणजी खेलने के बाद मुझे पूरा विश्वास था कि वह दोबारा टेस्ट में आना चाहते थे। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों की घटनाओं से ऐसा लगता है कि उन्हें बोर्ड और चयनकर्ताओं से वह सहयोग नहीं मिला, जिसकी उन्हें उम्मीद थी।”
कैफ ने यह भी कहा कि हाल की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में कोहली जल्दी रन बनाने के प्रयास में दिखे, जो उनकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है। इस सीरीज में कोहली ने 9 पारियों में केवल 190 रन बनाए, जिनमें एक पारी में 100 नाबाद रन शामिल थे।
कैफ ने कहा, “टेस्ट क्रिकेट में धैर्य जरूरी होता है। कोहली पहले गेंदबाजों को थकाते थे, समय लेते थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं दिखा। वह जल्दबाज़ी में नजर आए। कई बार ड्राइव करते हुए आउट हुए, जिससे लगा कि वह लंबी पारियां खेलने के लिए तैयार नहीं थे। शायद उन्हें एहसास हो गया था कि अब टेस्ट करियर का अंत निकट है।”
कैफ ने यह भी कहा कि बीसीसीआई से संवाद और कोहली का आत्म-मंथन इस निर्णय की वजह बन सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “मैंने रोहित शर्मा के संन्यास की उम्मीद की थी, लेकिन कोहली के फैसले ने मुझे चौंका दिया। वह अब भी फिट हैं और उन्होंने पहले भी शानदार वापसी की है। मुझे लगा था कि वह कुछ और साल खेलेंगे और युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करेंगे।”
अंत में कैफ ने कहा, “कोहली हमेशा कहते थे कि टेस्ट उनका पसंदीदा प्रारूप है। वह चुनौतियों का आनंद लेते थे और युवाओं को टेस्ट क्रिकेट को अपनाने के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने टेस्ट कैप को गौरव की बात बताया और इससे भारतीय क्रिकेट को काफी फायदा हुआ।”