जीएसफी सर्टिफिकेशन टीम जब दमोह और पथरिया के सर्वेक्षण के लिए दमोह पहुंची थी, तब पत्रिका ने भी नगरपालिका के प्रभारी सीएमओ व एचओ जितेंद्र पटेल को आगाह किया था। साथ ही बताया था कि सर्वेक्षण टीम पहुंची है, जिस पर उन्होंने ऐसी किसी टीम के आने से इंकार कर दिया था। साथ ही इसे फर्जी टीम भी बताया था। इतना ही नहीं टीम को अटेंड करने के साथ-साथ उनका सपोर्ट भी नहीं किया गया था। नतीजा, सर्वेक्षण रैंकिंग सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया है।
दमोह नगरपालिका के अलावा नगर परिषदों की स्थिति भी रैंकिंग में खराब ही रही है। २० हजार से ५० हजार तक आबादी वाली कैटेगिरी में हटा नगरपालिका ने ९५१७ अंक प्राप्त कर ५८ रैंक ऑल इंडिया प्राप्त की है। जबकि पथरिया नगर परिषद ने ६८७६ अंक पाकर प्रदेश में सबसे फिसड्डी रैंकिंग प्राप्त की है। २० हजार तक आबादी वाली नगर परिषद में हिंडोरिया को ७६४९, पटेरा को ७४२७ और तेंदूखेड़ा को ७३५० अंक प्राप्त हुए हैं। ये सभी भी टॉप १०० से बाहर ही रही है।