सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक
दंतेवाड़ा की लिखित शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। शिकायत में बताया गया कि डीएमएफ/सीएसआर मद से 66,75,850 रुपये का भुगतान अनियमित तरीके से किया गया। इस पर थाना दंतेवाड़ा में अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई।
मामले में अब तक यह हुए गिरफ्तार
जांच के दौरान इस मामले में पहले ही मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह चौहान के साथ अर्पणा चौहान, सौरभ सुद और मोहमद तौसिफ रजा के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी थी। लेकिन अब जांच में
भारतीय स्टेट बैंक, दंतेवाड़ा के सीनियर मैनेजर निशांत ठाकुर और सिविल सर्जन कार्यालय की एकाउंटेंट असिस्टेंट सुतापा कुंडू की संलिप्तता भी सामने आई है। इस पर थाना प्रभारी सिटी कोतवाली दंतेवाड़ा धनंजय सिन्हा के नेतृत्व में शनिवार शाम 5 बजे दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
जांच में और बड़े खुलासे संभव
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस वित्तीय घोटाले में और भी अधिकारी या कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस हर लेन-देन की बारीकी से जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यदि जांच में और भी दोषियों की संलिप्तता सामने आती है, तो उन पर भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।