scriptजयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बोले शशि थरूर, कहा- ‘धर्म निजी, राजनीतिक हस्तक्षेप गलत’; बजट पर दी तीखी प्रतिक्रिया | Shashi Tharoor spoke at Jaipur Literature Festival, said- 'Religion is personal, political interference is wrong reaction on union budget | Patrika News
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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बोले शशि थरूर, कहा- ‘धर्म निजी, राजनीतिक हस्तक्षेप गलत’; बजट पर दी तीखी प्रतिक्रिया

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अपनी बेबाक राय रखी।

जयपुरFeb 02, 2025 / 02:55 pm

Lokendra Sainger

sashi tharoor

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कांग्रेस नेता शशि थरूर

Jaipur Literature Festival 2025: राजधानी जयपुर में कला और साहित्य का महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने धर्म और धार्मिक स्थलों पर जाने को लेकर स्पष्ट बयान दिया है। उन्होंने कहा कि धर्म व्यक्ति का निजी निर्णय है और इसमें किसी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप अनुचित है।

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शशि थरूर ने कहा कि मैं राम मंदिर जाऊंगा, लेकिन कब जाऊंगा, यह मैं तय करूंगा, कोई राजनीतिक दल नहीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धार्मिक आयोजनों में उनकी भागीदारी पूरी तरह से व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर करती है, न कि राजनीतिक फायदे पर।

महाकुंभ और धर्म पर टिप्पणी

महाकुंभ में स्नान से पाप मिटने के सवाल पर शशि थरूर ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि पाप करते ही क्यों हो यार? उन्होंने इस अवसर पर धार्मिक आयोजनों के राजनीतिक उपयोग पर चिंता जताई और कहा कि आस्था को राजनीति से जोड़ना गलत है।

केंद्रीय बजट पर तीखी प्रतिक्रिया

शशि थरूर ने हाल ही में पेश हुए केंद्रीय बजट की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश को इस समय सबसे ज्यादा रोजगार की जरूरत है, लेकिन बजट में बेरोजगारी का जिक्र तक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि आमदनी घट रही है और खर्च बढ़ रहा है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही। बड़े निवेशक देश छोड़ रहे हैं और इसकी वजह तलाशने की जरूरत है। कुछ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है, जिससे छोटे उद्योगों को नुकसान हो रहा है और वे रोजगार देने में असमर्थ हो रहे हैं।

मिडिल क्लास को राहत, लेकिन गरीब की अनदेखी

इनकम टैक्स छूट पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने कहा कि 12 लाख रुपए तक की छूट से मिडिल क्लास को फायदा हुआ है, लेकिन गरीब तबके की पूरी तरह अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों और गरीबों के लिए बजट में कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया।
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रक्षा बजट पर संतोष

रक्षा क्षेत्र को मिले सबसे ज्यादा आवंटन पर शशि थरूर ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि चीन या जो भी पड़ोसी देश हैं, उन सबको को यह संदेश मिलना चाहिए कि भारत ताकतवर है।

शिक्षा और मनरेगा पर चिंता

थरूर ने शिक्षा बजट को बढ़ाने की मांग की और कहा कि शिक्षा पर जीडीपी का कम से कम 6% खर्च होना चाहिए, जो फिलहाल केवल 4.8% है। उन्होंने मनरेगा के बजट में कटौती पर भी नाराजगी जताई और इसे गलत करार दिया।

‘इंडिया अलायंस का शोक संदेश पढ़ा जाना चाहिए’

वहीं, शशि थरूर ने कहा कि इंडिया अलायंस जब बना था, तब भी यह साफ था कि यह राज्यों में काम नहीं करेगा। दिल्ली में हम लोकसभा चुनाव के दौरान जरूर साथ थे, अब नहीं हैं। यह राज्यों के पॉलिटिकल कैरेक्टर पर निर्भर करेगा, इसलिए इंडिया अलायंस का शोक संदेश पढ़ा जाना चाहिए, न इस बात का जश्न मनाया जाना चाहिए। अब इंडिया अलायंस के दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।

आस्था और राजनीति को अलग रखने की अपील

शशि थरूर ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि धर्म व्यक्ति का निजी मामला है और इसमें राजनीति को नहीं घुसना चाहिए। उन्होंने कहा कि आस्था के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बल्कि सरकार को रोजगार, शिक्षा और अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।

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