सर्वर डाउन, रजिस्ट्री की प्रक्रिया ठप
संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद से जिला उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। सर्वर की समस्या के चलते ओटीपी वेरिफिकेशन बार-बार अटक रहा है, जिससे संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की रजिस्ट्रियां बाधित हो रही हैं। वहीं, पॉवर ऑफ अटॉर्नी जैसे दस्तावेज पंजीकृत हो रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरत भवन और भूमि की रजिस्ट्रियों की होती है, जो समय पर नहीं हो पा रही। 7 मार्च को सुबह से दोपहर 2 बजे तक सिर्फ 6 रजिस्ट्रियां हो पाईं, जबकि सामान्य दिनों में औसतन 25 से 30 रजिस्ट्रियां होती हैं। लोगों को दिनभर इंतजार के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ा।1193 करोड़ में अंतिम बोली, चार समूह में बंटे काउंटर, इस बार नीलामी से 120 करोड़ ज्यादा कमाएगी सरकार
तकनीकी खामियों से जूझ रहे लोग
संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर के तहत रजिस्ट्रियों के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजी जाती है। यदि मोबाइल नंबर लिंक नहीं है, तो प्रक्रिया अधूरी रह जाती है। खासतौर पर ग्रामीण और सामान्य वर्ग के लोग इस नई प्रक्रिया को समझने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।रजिस्ट्री न होने से लोगों को परेशानी
केस-1शहर के ठंडी सड़क निवासी हृदेश कुमार ने बताया कि उन्होंने चार से पांच घंटे बर्बाद किए, फिर भी उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पाई। उनके जैसे कई लोग शाम तक इंतजार के बाद भी निराश लौट गए।
चूनगर फाटक निवासी मंशाराम सिंह ने कहा कि उन्हें प्लॉट की रजिस्ट्री करानी थी, लेकिन सर्वर डाउन होने से काम नहीं हो पाया। इससे उनके अन्य जरूरी काम भी अटक गए, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।