सडक़ किनारे की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण
जानकारी के अनुसार वर्ष 2008-09 में बायपास सड़क का निर्माण किया गया था। शासन स्तर पर सर्वे क्रमांक 422 एवं 423 को सडक़ की जद में रखने के लिए आवंटित किया गया था। वर्ष 2013-14 में बायपास मार्ग बनकर तैयार हो गया था। उसके बाद सडक़ किनारे की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करना शुरू किया गया। चिंतनीय ये है कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। आलम ये है कि उक्त सरकारी भूमि पर भवन बन जाने के कारण सडक़ पर सामने से आने वाला वाहन नजर नहीं आता। ऐसे में बायपास पास मार्ग के उस अंधे मोड़ पर सडक़ दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
पहले अस्थाई फिर स्थाई अतिक्रमण किया
स्थानीय लोगों की मानें तो बायपास मार्ग किनारे की सरकारी भूमि पर पहले अस्थाई अतिक्रमण किया गया था। प्रशासनिक स्तर पर इस अतिक्रमण पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में अतिक्रमणकारियों ने पक्का निर्माण शुरू कर उस पर आलीशान भवन निर्माण करा दिया। हैरानी की बात ये है कि स्थानीय हल्का पटवारी से लेकर तहसीलदार एवं एसडीएम तक इस अतिक्रमण के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। सड़क किनारे व्यापक स्तर पर किया गया यह अतिक्रमण राजस्व विभाग के अफसरों के संज्ञान में नहीं है या जानबूझकर अतिक्रमणकारी को संरक्षण दिया जा रहा है यह जांच का विषय है।
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सरकारी भूमि पर भवन खड़ा हो जाने के बाद आसपास रोड किनारे की अन्य सरकारी भूमि पर भी दूसरे लोगों ने भी बेजा कब्जा करना शुरू कर दिया है। यदि इसी तरह से प्रशासन की अनदेखी रही तो वायपास मार्ग की सारी शासकीय भूमि पर अतिक्रामक काबिज हो जाएंगे। दरअसल रोड किनारे की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर स्थानीय लोगों ने किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं की है। यही वजह है कि प्रशासन अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के लिए आगे नहीं आ रहा है।
अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों ने फुटपाथ तक पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में दुर्घटनाओं के अलावा आए दिन जाम की समस्या हो रही है।- मान सिंह कुशवाह, स्थानीय नागरिक
मेरे देखते कई हादसे हो चुके हैं। रोड किनारे जगह ही नहीं बचेगी तो आवागमन करने वाले वाहनों को साइड कहां मिलेगी। न तो यहां पर गोलंबर है और ना ही कोई ट्रैफिक वाला यहां खड़ा होता है।- देव सिंह राठौड़, स्थानीय नागरिक
वायपास मार्ग किनारे की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का यह मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। हम मामले की जांच कर बेदखली की कार्रवाई कराएंगे।- अशोक शर्मा, एसडीएम सेंवढ़ा