दरअसल कुरुद नगर पंचायत अंतर्गत वार्ड क्रमांक-10 स्वामी विवेकानंद वार्ड में भाजपा ने इसी वार्ड के कमलेश ध्रुव को अपना प्रत्याशी बनाया है।
कांग्रेस ने छोटे भाई अर्जुन ध्रुव को चुनाव मैदान में उतारा है। दोनों भाईयों का प्रचार जारी है। इस वार्ड में दोनों भाईयों के बीच सीधी टक्कर है। लोग कांटे की टक्कर की उम्मीद कर रहे हैं।
भाई नहीं पार्टियों की लड़ाई
कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे अर्जुन ध्रुव ने कहा कि कांग्रेस ने मुझ पर विश्वास कर प्रत्याशी बनाया है। यह लड़ाई हम दोनों भाईयों के बीच न होकर भाजपा और कांग्रेस के बीच है। बड़े भाई चुनाव जीतते हैं तो भी मुझे खुशी होगी। वार्डवासी ही मेरा परिवार है। चुनाव हो गया दिलचस्प
वार्डवासी रोशन यादव, दौलत ध्रुव, रोशन निर्मलकर, संतोष साहू ने कहा कि नगर पंचायत कुरुद में कुल 15 वार्ड है। अनेक वार्डों में 3 से 4 प्रत्याशी है। विवेकानंद वार्ड में 2 ही प्रत्याशी होने से चुनाव दिलचस्प हो गया है। खास बात यह है कि दोनों सगे भाई हैं इसलिए कई बार सोचेंगे कि वोट किसे करें। दो भाईयों की चुनाव में सीधी टक्कर से पूरे नगर में चर्चा हो रही है। राजनीतिक पार्टियों ने अपने स्वार्थ को लेकर यहां से दो भाईयों को आमने-सामने कर दिया है। फिलहाल जनता भी समझदार है और वे अपने सूझबूझ से अपने मुखिया चुनेंगे।
इधर भाजपा से चुनाव लड़ रहे कमलेश ध्रुव ने कहा कि पार्टी ने मुझ पर विश्वास कर टिकट दी है। पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है उसे निष्ठा से निभा रहे हैं। दोनों भाईयों के पिता लच्छन ध्रुव ने कहा कि दोनों बेटों में कोई भी जीते पार्षद तो उनके परिवार से ही बनेंगे इसे लेकर खुशी है।
पिछले चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली बाद में पार्षद ने पार्टी बदल ली
वार्ड क्रमांक-10 को शुरू से भाजपा का गढ़ माना जाता है। पिछले नगरीय निकाय चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ। कांग्रेस से तुमेश्वरी ध्रुव को जीत मिली, लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। इस चुनाव में यहां दो ही प्रत्याशी होने से चुनावी समीकरण भी स्पष्ट है। दोनों में से एक भाई को जीत मिलनी है। दोनों ही भाई पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। बड़ा भाई कमलेश ध्रुव 45 और छोटा भाई अर्जुन ध्रुव 33 साल के हैं।