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कैसे मिलेगा न्याय? फोरम में जज और अध्यक्ष नहीं, दो साल से 1500 मामले लंबित

consumer forum: मध्य प्रदेश के धार जिले के उपभोक्ता फोरम में प्रकरणों की सुनवाई के लिए न तो स्थाई जज हैं और न ही अध्यक्ष। पिछले दो सालों में लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़कर 1500 तक पहुंच गई है।

धारMar 21, 2025 / 02:50 pm

Akash Dewani

No permanent judge and chairman to hear the cases in the consumer forum of dhar raising concern
consumer forum: उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने के मामले में धार जिला लगातार पिछड़ता जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां उपभोक्ता फोरम में प्रकरणों की सुनवाई के लिए न तो स्थाई जज हैं और न ही अध्यक्ष। यही कारण है कि पिछले दो वर्षों में लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़कर 1500 तक पहुंच गई है। इस स्थिति के चलते न्याय की आस लगाए उपभोक्ताओं को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

स्थाई जज का अभाव

धार जिला मुख्यालय स्थित उपभोक्ता फोरम में स्थाई जज की नियुक्ति नहीं होने के कारण वर्तमान में रतलाम से न्यायाधीश मुकेश तिवारी को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इनके पास धार और रतलाम के अलावा शाजापुर, झाबुआ और बड़वानी जिले का भी जिम्मा है। कई जिलों की जिम्मेदारी होने के कारण वे धार में नियमित समय नहीं दे पाते। परिणामस्वरूप, धार जैसे बड़े जिले में उपभोक्ता फोरम की सुनवाई केवल महीने में दो दिन ही हो पा रही है। इस वजह से उपभोक्ताओं को लंबे समय तक न्याय की प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।

दो साल से सुनवाई ठप

उपभोक्ता फोरम के नियमानुसार, सप्ताह में दो बार सुनवाई होना आवश्यक है। पूर्व में धार जिले में यह व्यवस्था लागू थी, लेकिन दो वर्षों से स्थाई जज और अध्यक्ष नहीं होने की वजह से सुनवाई प्रभावित हो रही है। सुनवाई में देरी के कारण लंबित प्रकरणों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। न्याय प्रक्रिया में यह बाधा उपभोक्ताओं के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है।
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मानवीय संसाधनों की कमी बनी बड़ी चुनौती

उपभोक्ता फोरम में पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रकरणों की सुनवाई सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है। फोरम में दो सदस्य डॉ. दीपेंद्र शर्मा और हर्षा रुणवाल मौजूद हैं, लेकिन उन्हें फैसले लेने का अधिकार नहीं है। जब तक अध्यक्ष उपस्थित नहीं रहते, तब तक मामलों का निपटारा नहीं हो सकता। वर्तमान में फोरम के जज महीने में केवल दो दिन आकर प्रकरणों की सुनवाई करते हैं, जिससे मामलों का निपटारा काफी धीमी गति से हो रहा है।

हर महीने 100 से 150 नए केस

धार उपभोक्ता फोरम में हर महीने 100 से 150 नए मामले दर्ज हो रहे हैं। लेकिन, सुनवाई केवल दो दिन होने के कारण इनमें से अधिकांश मामले लंबित रह जाते हैं। यदि नियमित रूप से अध्यक्ष की नियुक्ति की जाए और सुनवाई बढ़ाई जाए, तो उपभोक्ताओं को जल्द न्याय मिलने की संभावना बढ़ सकती है।
धार जैसे बड़े जिले में उपभोक्ता फोरम की धीमी न्यायिक प्रक्रिया उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। यदि जल्द ही स्थाई जज और अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होती, तो लंबित मामलों की संख्या और बढ़ सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को न्याय मिलने में और अधिक समय लगेगा।

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