साधु-संतों को पहले स्नान करने दें (Let the saints take bath first)
महाकुंभ के दिव्य और भव्य मेले में आप भी शामिल होने जा रहे हैं तो यह ध्यान रखें कि सर्वप्रथम साधु-संतों को स्नान का मौका दें। उसके बाद ही आप संगम के अमृतमयी जल में डुबकी लगाएं। क्योंकि महाकुंभ में साधु-संतों का विशेष स्थान होता है और वह पूज्यनीय होते हैं। यदि आप उनसे पहले स्नान करते हैं तो यह उनके अपमान को दर्शाता है।
व्रत और मंत्र जाप (fasting and mantra chanting)
पवित्र स्नान से पहले श्रद्धालुओं को व्रत या उपवास का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही महादेव की प्रार्थना और मंत्रोच्चारण करना चाहिए। दूसरों का सम्मान करें (respect others)
महाकुंभ में संयमित आचरण और दूसरों का सम्मान करें। भीड़भाड़ के दौरान धैर्य बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। आपके कारण कोई आहत न हो।
शुद्धता का ध्यान रखें (take care of purity)
गंगा को स्वच्छ रखना सभी श्रद्धालुओं का परम कर्तव्य है। किसी भी प्रकार का कचरा या अनावश्यक चीजें जल में न डालें। साथ ही सरकारी निर्देशों का पालन करें।
महाकुंभ में स्नान का महत्व (Importance of bathing in Mahakumbh)
पापों से मुक्ति- महाकुंभ में स्नान करने से पिछले जन्मों और वर्तमान जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है। आध्यात्मिक उन्नति- स्नान के साथ साधना और ध्यान करने से आत्मा की शुद्धि होती है। मोक्ष प्राप्ति का मार्ग- महाकुंभ स्नान से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है और जीवन का परम उद्देश्य सिद्ध होता है। धार्मिक ऊर्जा का संचार- लाखों श्रद्धालुओं के बीच गंगा तट पर स्नान करने से एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है।
अपने कर्तव्य का पालन करते हुए पुण्यफल की प्राप्ति करें (Achieve virtuous results by performing your duty)
महाकुंभ 2025 में पवित्र स्नान का यह सुनहरा अवसर आपके जीवन को पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भर देगा। इसलिए नियमों का पालन करें। साथ ही धार्मिक परंपरा को निभाते और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए इस भव्य और दिव्य आयोजन का आनंद लें और पुण्यफल प्राप्त करें।