अब मृत्यु लोक की भयावहता के विषय में वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज ने अहमदाबाद विमान हादसे के माध्यम से टिप्पणी की है, और शरणागति का महत्व समझाया है, जो खूब वायरल हो रही है। आइये जानते हैं एयर इंडिया प्लेन क्रैश (Air India plane crash) पर संत प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा है।
क्या हम अपने आपको सुरक्षित समझ सकते हैं
भक्तों से बातचीत में प्रेमानंद महाराज का अहमदाबाद प्लेन हादसा पर दुख झलक उठा और क्या हम अपने आपको सुरक्षित समझ सकते हैं का जवाब दिया है। उनका कहना है कि इस मृत्यु लोक में पता नहीं कब कौन सी घटना घट जाए। केवल भगवान ही आपकी रक्षा कर सकते हैं और इसमें नाम जप ही सहायक होगा।
अभी आपने सुना होगा अहमदाबाद में एयर इंडिया के प्लेन क्रैश के विषय में, सोचो कि जिंदा आदमी कैसे जला होगा। इसलिए इस कष्ट से बचने के लिए सभी प्राणियों के लिए भगवान का शरणागत होना अत्यंत आवश्यक है।
सतर्क होना जरूरी
प्रेमानंद जी महाराज (air india plane crash premanand ji maharaj) ने कहा कि कल्पना करो कि किसी भी व्यक्ति के ऊपर पेट्रोल गिर जाय और उसमें आग लगे, जिससे वह जिंदा होश में जल जाए। ऐसे में उसे कितना भयानक दुख होगा, कितना भयानक कष्ट सहना पड़ा होगा।
अनिश्चतताओं से भरा है यह संसार
महाराज जी (statement on ahemdabad plane crashes) ने कहा कि, कहीं जा रहे हैं हार्ट फेल हो जाए, एक्सीडेंट हो जाए, आराम से जा रहे हैं गाड़ी रौंदकर चली जाए कुछ पता नहीं है। इस तरह के अनेक केस सामने आते रहते हैं। हवाई जहाज वाले तो जल गए पर जहां हवाई जहाज गिरा वहां भी तो लोगों की हानि हुई होगी, वो अपने आनंद से कोई खा रहा है, कोई पी रहा है, कोई बात कर रहा है। कब कहां क्या हो जाए, नहीं पता।
भगवान का नाम जप आवश्यक है
जिस लोक में हम निवास कर रहे हैं, इसका नाम मृत्यु लोक है, ये बड़ा भयावह है। जिन्होंने गर्भ में हमारी रक्षा की, वही सर्वत्र हमारी रक्षा कर सकते हैं, दूसरे की सामर्थ्य नहीं है। इसलिए भगवान का नाम जप करना अत्यंत आवश्यक है।
क्या है अहमदाबाद प्लेन क्रैश की घटना
बीते दिनों 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का विमान कुछ मिनट में ही बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास और कैंटीन की इमारत से टकरा गया। इसमें करीब विमान के यात्री, हॉस्टल में भोजन कर रहे छात्र समेत 278 लोग मारे जा चुके हैं।इस दौरान विमान के यात्रियों में से कोई पहली बार अपने पति से मिलने जा रहा था तो कोई अपने परिवार से दोबारा मिलने आने के लिए कहकर निकला था। वहीं कैंटीन के छात्रों को भोजन के बीच में मौत साथ ले गई और सभी की इच्छाएं अधूरी रह गईं।