विजया एकादशी का महत्व
विजया एकादशी का वर्णन विभिन्न पुराणों में मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने भी समुद्र पार करने से पहले इसी व्रत का पालन किया था, जिससे उन्हें विजय प्राप्त हुई थी। इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। भगवान विष्णु की पूजा
प्रात काल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। एकादशी व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से स्नान कराएं। तुलसी पत्र, फल, फूल और नैवेद्य अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही श्रीराम कथा या विष्णु पुराण का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन रात्रि जागरण और भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करने से विशेष लाभ होता है।
दान और सेवा
ब्राह्मणों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों को दान दें। गोसेवा और गरीबों की सहायता करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस शुभ दिन पर किसी भूखे को खाना खिलाने से पुण्यफल मिलता है। साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी जातके घर में कभी धन धान्य की कमी नहीं होने देतीं। विजया एकादशी व्रत के लाभ
इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं और आर्थिक समृद्धि आती है। पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और विजय की प्राप्ति होती है।
विजया एकादशी व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि आप धन की देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद चाहते हैं, तो इस एकादशी पर विशेष रूप से पूजा करें और पुण्य लाभ अर्जित करें।
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