संघ के जिलाध्यक्ष हरीसिंह गुर्जर ने कहा कि एक दशक से घर परिवार से दूर हजारों शिक्षक शिक्षिका दूसरे जिलों में कार्य कर गृह जिलों में जाने की बांट जोह रहें हैं। लेकिन साल 2018 के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के एक बार भी तबादले नहीं किए गए हैं। प्रत्येक दल द्वारा सरकार में आने से पूर्व स्थानांतरण नीति बनाने की बात की जाती है। लेकिन सरकार में आने के बाद नीति लागू करने और तबादले करने से मुकर जाते हैं। जिसको लेकरप्रदेश के ढाई लाख तृतीय श्रेणी शिक्षकों में बेहद आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
संघ के सभाध्यक्ष अलिंद चौहान ने क्रमोन्नत उच्च माध्यमिकस्कूलों में वरिष्ठ व्याख्याताओ के पद सृजित करने की मांग की। जिलामंत्री चंद्र शेखर शर्मा ने बताया कि सरकार को प्रेषित ज्ञापन में शिक्षा विभाग में तबादलों से प्रतिबंध हटाकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित सभी कैडर के स्थानांतरण शुरू कराने, तृतीय श्रेणी अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद पर 5 सत्रों से अटकी पदोन्नतियां जल्द कराए, जाने, वर्ष 2005 से 2008 के मध्य शिक्षा नियुक्त प्रबोधक एवं शिक्षकों की छठे वेतनमान में 11170 रुपए मूल वेतन की विसंगति दूर कराते हुए 7 वें वेतनमान के अनुसार 12900 मूल वेतन पर निर्धारित कराकर इन कार्मिकों की वर्षों से चली आ रही वेतन विसंगति को दूर कराते हुए राहत दिलाए जाने, प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न कराते हुए सभी नव क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी अनिवार्य विषयों सहित सभी विषयों के व्याख्याताओं के पद श्रृजित कराये जाने तथा प्रबोधक सेवा नियमों में संशोधन कर प्रबोधक का पद नाम अध्यापक कराते हुए वरिष्ठ प्रबोधक के पद पर पदोन्नति वर्तमान विद्यालयों के स्थान पर मिडिल स्कूल प्रधानाध्यापक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दिलाए जाने तथा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में चयन परीक्षा के माध्यम से सफल शिक्षकों को पोस्टिंग दिलाए जाने की मांग की गई है। इस मौके पर बड़ी संख्या में संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे।