उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए एसडीएम वर्षा मीणा ने कहा कि भारतीय शौष्ठव की प्रतीक कुश्ती कला भारत की शान भी। लेकिन महंगा खेल होने की वजह से ग्रामीण युवा इससे दूर जा रहे है। ऐसे में सरकार के प्रयासों से बड़ी इनामी राशि के दंगल इस कला के पुनर्जीवन के लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं। पालिकाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह जादौन ने कहा कि क्षेत्र की शान दंगल चौथ अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। इसके लिए पालिका ने लगातार हर संभव प्रयास किए हैं और विपरीत आर्थिक हालातों में दंगल में पहलवानों के सम्मान के लिए बड़ा बजट रखा है। कार्यक्रम को तहसीलदार दीप्ति देव, अधिशाषी अधिकारी टीकेन्द्र ने भी सम्बोधित किया और निर्णायकों व पहलवानों के साथ भूमि पूजन कर दंगल आरम्भ करवाया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए एसडीएम वर्षा मीणा ने कहा कि भारतीय शौष्ठव की प्रतीक कुश्ती कला भारत की शान भी। लेकिन महंगा खेल होने की वजह से ग्रामीण युवा इससे दूर जा रहे है। ऐसे में सरकार के प्रयासों से बड़ी इनामी राशि के दंगल इस कला के पुनर्जीवन के लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं। पालिकाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह जादौन ने कहा कि क्षेत्र की शान दंगल चौथ अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। इसके लिए पालिका ने लगातार हर संभव प्रयास किए हैं और विपरीत आर्थिक हालातों में दंगल में पहलवानों के सम्मान के लिए बड़ा बजट रखा है। कार्यक्रम को तहसीलदार दीप्ति देव, अधिशाषी अधिकारी टीकेन्द्र ने भी सम्बोधित किया और निर्णायकों व पहलवानों के साथ भूमि पूजन कर दंगल आरम्भ करवाया।
फिरोजाबाद के शेरा ने जीता गुर्ज दंगल की आखिरी और निर्णायक कुश्ती में फिरोजाबाद के शेरा ने झज्जर हरियाणा को पटखनी देकर दो लाख की इनामी गुर्ज और खिताब अपने नाम कर लिया। इस कुश्ती को देखने के लिए इस सबसे बड़े आयोजन में हजारों दर्शक देर शाम तक दंगल में जमे रहे।
यह रहे दंगल के हीरो दंगल चौथ में हर पहलवान ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन जम्मू कश्मीर के राकेश ने दिल्ली के राहुल व एक अन्य को जोरदार पटखनी दी। नेपाल के देवा थापा ने महाराष्ट्र के गोल्टा पहलवान और पंजाब के कालू को बेहतरीन कुश्तियों में जोरदार पटखनी दी। वहीं दंगल की महत्वपूर्ण कुश्तियों में हरियाणा के हनुमान ने पलवल के सचिन को, बाह के गिर्राज ने सोनीपत के मनीष को, हरियाणा के देवा ने अकोला के विक्रम को, कुन्दोल के श्यामवीर ने हरियाणा के संजय को पटखनी दी। दंगल के निर्णायकों में कैलाश शर्मा चिहार, बैजनाथ सिंह, डब्बालियाराम, अख्तर पठान, भगवान दास ने निर्विवाद निर्णय दिए।
मंत्री ने किया निराश बड़ी संख्या में लोग राज्य के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम के मुख्य अतिथि आने की सूचना पर पहुंचे लेकिन अंतिम समय मे बेढम के न आने की सूचना पर बेहद निराश दिखे। लोगों का कहना था कि कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह की हत्या के बाद युवाओं के स्वघोषित बहिष्कार के आह्वान के चलते मंत्री नहीं आए।
छावनी बना शहर इस सबसे बड़े व सर्वाधिक प्रतिभागियों, दर्शकों वाले कार्यक्रम में सुरक्षा के लिए भी बड़े प्रबंध किए गए। धौलपुर के पुलिस उपाधीक्षक मुनेश मीणा के नेतृत्व में राजाखेड़ा थानाधिकारी रामकिशन यादव, दिहोली, मनियां के रामनरेश मीणा व जाब्ता के साथ जिले से अतिरिक्त जाब्ता भेजकर छावनी का रूप दे दिया गया था। जिससे कोई भी अराजक तत्व किसी प्रकार माहौल न बिगाड़ सके।