आवंटित जमीन पर कई बर्षों से ग्रामीण काबिज हैं जो खेतीबाड़ी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। फिलहाल में आवंटित भूमि पर फसल भी खड़ी है। जल संसाधन विभाग को भूमि आवंटित होने के बाद ग्रामीणों को बेदखल होने का भय सताने लगा है। गुरुवार को धौंध के ग्रामीणों ने बसेडी विधायक संजय जाटव से मुलाकात कर जल संसाधन विभाग को भूमि आवंटन का विरोध करते हुए आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि सरकार ने पटवार हल्का धौंध में खसरा नंबर 464 रकवा 40 हेक्टेयर में से 35 हेक्टेयर भूमि जल संसाधन विभाग के नाम आवंटित की गई है। विभाग उक्त भूमि पर सोलर प्लांट लगा बिजली का उत्पादन करेगा। जबकि उक्त भूमि पर ग्रामीण 50 बर्षों से काबिज हैं। वहीं पूर्वजों के जमाने से खेतीबाड़ी करते आ रहे हैं। जबकि सरकार काश्तकारों को बेदखल करने का प्रयास कर रही है। ग्रामीणों ने विधायक से आवंटन निरस्त कराने की मांग की है।
बसेडी विधायक संजय जाटव ने ग्रामीणों की समस्या सुनकर उच्च अधिकारियों से चर्चा कर समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। विधायक ने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि धौंध में किसानों की काबिज भूमि से बेदखल करने की कोशिश को बिल्कुल कामयाब नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि सोलर प्लांट लगने से ग्रामीणों को कोई फायदा नही है। विधायक ने प्रदेश स्तर पर विरोध करने का निर्णय किया है।
एक साल से चल रही थी प्रक्रिया, सोते रहे ग्रामीण उपखंड के धौंध में जल संसाधन विभाग के सोलर प्लांट लगाने भूमि आवंटन की प्रक्रिया एक साल से चल रही थी। जून माह में विभाग के अधिकारियों ने भूमि का मौका मुआयना भी किया था। हालांकि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार भूमि सरकारी है, लेकिन किसान 50 बर्षों से काबिज होने का दावा कर रहे हैं। दरअसल राजस्व रिकॉर्ड में दो किसानों के नाम लगभग 15 बीघा भूमि इन्द्राज है, लेकिन जिसका खसरा नंबर अलग है। अब आवंटन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ग्रामीण विरोध जता रहे हैं।