scriptकर्मचारियों और अधिकारियों के अभाव से जूझ रहा रोडवेज का धौलपुर डिपो, टिकट बिंडो का संचालन तक बंद | Roadways' Dholpur depot is struggling with the lack of employees and officers, even the operation of ticket window is closed | Patrika News
धौलपुर

कर्मचारियों और अधिकारियों के अभाव से जूझ रहा रोडवेज का धौलपुर डिपो, टिकट बिंडो का संचालन तक बंद

रोडवेज के धौलपुर डिपों में 10 वर्षों से भर्ती नहीं होने के कारण अधिकारी और कर्मचारियों का अकाल सा पड़ गया है। यहां वित्त, यातायात और तकनीकी शाखा में 354 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 1 पद ही भरे हुए हैं शेष 1 पद वर्षों से रिक्त हैं। जिनमें कंडक्टर, ड्राइवर से लेकर वित्त शाखा सहित सहायक और हेल्परों तक के पद रिक्त हैं। यानी 50 प्रतिशत कार्मिकों के भरोसे ही धौलपुर डिपो चल रही है।

धौलपुरJan 03, 2025 / 06:44 pm

Naresh

कर्मचारियों और अधिकारियों के अभाव से जूझ रहा रोडवेज का धौलपुर डिपो,टिकट बिंडो का संचालन तक बंद Roadways' Dholpur depot is facing shortage of employees and officers, even operation of ticket booth is closed
धौलपुर. राज्य सरकार को करोड़ों का राजस्व देने वाला रोडवेज का धौलपुर डिपो अधिकारियों व कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि एक कर्मचारी कई पदों का कार्य संभाल रहा है। जिससे फाइलों पर फाइलें तो बढ़ती जा रही हैं। वहीं टिकट बुकिंग काउंटर पर टिकट देने वाला भी कोई नहीं है। जिस कारण बिंडो बंद कर दी गई है।
रोडवेज के धौलपुर डिपों में 10 वर्षों से भर्ती नहीं होने के कारण अधिकारी और कर्मचारियों का अकाल सा पड़ गया है। यहां वित्त, यातायात और तकनीकी शाखा में 354 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 1 पद ही भरे हुए हैं शेष 1 पद वर्षों से रिक्त हैं। जिनमें कंडक्टर, ड्राइवर से लेकर वित्त शाखा सहित सहायक और हेल्परों तक के पद रिक्त हैं। यानी 50 प्रतिशत कार्मिकों के भरोसे ही धौलपुर डिपो चल रही है। एक कर्मचारी कई पदों का कार्य संभाल रहा है। इस कारण विभाग में फाइलों का जहां बोझ बढ़ता जा रहा है वहीं कर्मचारियों के मानसिकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। तो वहीं रोडवेज को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। स्थानीय अधिकारियों ने भी कई बार निगम के उच्च अधिकारियों का ध्यान भी दिलाया लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। कर्मचारियों के अभाव के कारण डिपो ने वर्कशोप को 40 हजार रुपए प्रति महीने पर ठेका पर दे दिया है। जिस कारण वहां काम करने वाले लोग अपनी मनमर्जी के साथ कार्य करते हैं।
रिटायर कर्मचारियों के बदले नहीं नई तैनाती

पिछले कुछ सालों में धौलपुर डिपो से 25 से 30 कर्मचारी रिटायर हुए हैं। तो वहीं कार्रवाई के चलते 15 से 20 चालक और परिचालक सस्पेंडेट हैं। अब इन दोनों मामलों को मिला दिया जाए तो इन कर्मचारियों की संख्या 50 बैठती है। जो कि एक बड़ा आंकड़ा है। मगर इन लोगों के जाने के बाद डिपों में इनके स्थान पर अभी तक कोई भी नया कर्मचारी नहीं तैनात किया गया है। तो वहीं कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो रिटायरमेंट की दहलीज पर हैं।
टिकट काउंटर तक बंद, यात्री परेशान

धौलपुर डिपो में अधिकारियों और कर्मचारियों के अभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यात्रियों को टिकट देने वाला टिकट काउंटर भी कर्मचारियों के अभाव में बंद है। जिस कारण यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। चालक और परिचालकों को ऑफिस के अन्य कार्यों में लगाना पड़ रहा है। आलम यह है कि सफाई कर्मचारी और सुरक्षाकर्मियों तक का काम यही कर्मचारी करने को मजबूर हो रहे हैं।
तकनीकी विभाग में 69 में से 10 कर्मचारी

देखा जाए तो रोडवेज के धौलपुर डिपो में 354 से भी ज्यादा पद स्वीकृत हैं। जिनमें चालक, परिचालक, एडीसी, यूडीसी, एडीओ, तकनीकी विभाग में ग्रेड 3,2,1 सहित सुरक्षाकर्मी और स्वीपर के पद शामिल हैं। इनमें तकनीकी के ग्रेड 3,2 और 1 में 69 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 10 कार्मिकों के ही पद भरे हुए हैं। यानी 59 कर्मचारियों के पद लंबे समय से खाली हैं। जिस कारण बसों के मेंटेनेंस तक में परेशानियां उठानी पड़ती हैं।
बस सारथियों की होगी नियुक्ति

डिपो में परिचालकों के 156 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 100 परिचालक अभी कार्यरत हैं। परिचालकों का अभाव होने के कारण विभाग को 34 बस सारथियों को लगाने की अनुमति दी गई है। जिस पर अभी केवल 17 ने बस सारथी ही लगे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कमी को देखते हुए बस सारथियों की नियुक्ति की जा रही है। अगर जो डिपो में बस सारथी का कार्य करने का इच्छुक हैं वह डिपो के धौलपुर कार्यालय में संपर्क कर सकता है। बस सारथी के लिए 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है।
मरम्मत कार्य में होती है देरी

धौलपुर जिले के अधिकांश सडक़ मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण रोज बसों में टूट-फूट होती है। वहीं हर बस को डिपो में ट्रिप पूरी होने के बाद जांचा जाता है। ऐसे में मिस्त्रियों का टोटा झेल रहे डिपों में कई दिन तक बसें मरम्मत के लिए खड़ी रहती हैं। वर्कशॉप में क्षतिग्रस्त व खटारा बसों के मरम्मत का कार्य किया जाता है। फेरा पूरा करने के बाद प्रत्येक बस की जांच करनी होती है लेकिन मिस्त्रियों के अभाव के कारण ऐसा नहीं हो पाता।
पद स्वीकृत कार्यरत रिक्तपरिचालक 156 100 56चालक 102 61 41एडीसी 17 00 17यूडीसी 06 03 03एडीओ 04 03 01——–तकनीकी विभाग कर्मचारीग्रेड-3 15 00 15ग्रेड-2 24 10 14ग्रेड-1 30 00 30

धौलपुर डिपो में कर्मचारियों के रिक्त पदों से अन्य पर भार है। जब भी भर्ती प्रक्रिया होगी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए डिपो में खाली रिक्त पदों की सूची बनाकर मुख्यालय को भेज दी गई है।-राकेश कुमार, मुख्य प्रबंधक धौलपुर डिपो

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