सीबीएसई में कौन सा ग्रेड मिलने पर फेल माना जाएगा
सीबीएसई द्वारा अगर किसी छात्र को ग्रेड E दिया जाता है तो वो छात्र फेल हो गया है। ऐसे छात्रों को इसी कक्षा में रखा जाता है और दोबारा परीक्षा देनी होती है। कुल मिलाकर ऐसे छात्रों को रिपीटर की श्रेणी में रखा जाता है। छात्रों को परीक्षा केंद्र पर जाते समय कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
–घर से ऐसे समय में निकले की आप रिपोर्टिंग समय से पहले पहुंच सकें
–एडमिट कार्ड पर दिए गए निर्देशों को पढ़ें और उनका पालन करें
–ड्रेस कोड का पालन करें
–प्रतिबंधित चीजें परीक्षा केंद्र पर न ले जाएं
कैसे रहेंगे इस साल के सभी पेपर…टफ या आसान?
इस सवाल के जवाब में
सीबीएसई ने कहा कि आमतौर पर हर साल प्रश्न पत्रों का स्तर एक जैसा ही होता है। लेकिन फिर भी पेपर्स की कठिनाई का स्तर CBSE के उन सैंपल पेपर से लगाया जा सकता है जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड हर शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में सभी विषयों के लिए जारी करता है। सीबीएसई ने कहा कि इन सैंपल पेपर्स से बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए योजना बना सकते हैं।
क्या सिर्फ प्रश्नों के उत्तर अटेंप्ट करने के भी मिलते हैं मार्क्स
यदि आपने सही दिशा में आंसर को ले जाने की कोशिश की है। लेकिन याद न होने या समय की कमी या किसी कारणवश पूरा आंसर नहीं लिख पाए हों तो भी आपको आधे अंक तो मिलेंगे। लेकिन ध्यान रहे कि आंसर सही होने चाहिए। सीबीएसई केवल प्रासंगिक उत्तर देने पर ही अंक देता है। सीबीएसई आंसर के मूल्यांकन के लिए एक SOPs फॉलो करता है। कॉपी जांचने वाले सभी शिक्षक इस SOPs का कड़ाई से मूल्यांकन करते हैं। यही नहीं इसके लिए मूल्यांकन टीम को ट्रेनिंग भी दी जाती है।
सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स को कितने घंटे पढ़ाई करनी चाहिए?
इस सवाल पर सीबीएसई ने किया कि सभी छात्र के लिए एक जैसा रूटीन नहीं हो सकता है। किसी छात्र ने अगर समय पर अपना रिवीजन कार्य पूरा कर लिया है तो वो कम समय भी दे सकता है। लेकिन वहीं ऐसे स्टूडेंट्स जिनकी तैयारी अभी अधूरी रह गई है, उन्हें अधिक समय देने की जरूरत है। तैयारी के घंटे इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि आप कक्षा में कितना और कितने दिन सक्रिय थे। अगर छात्र कक्षाओं में नियमित नहीं रहे हैं, तो तैयारी में ज्यादा समय देने की जरूरत होगी।