संजीव खन्ना का कार्यकाल 6 महीने का रहा
चीफ जस्टिस खन्ना को 11 नवंबर 2024 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल मात्र 6 महीने का रहा। लेकिन उनके बारे में कहा जाता है कि अपने ठोस निर्णय से उन्होंने अपने छोटे समय के कार्यकाल को भी प्रभावी बना दिया। कौन हैं जस्टिस बीआर गवई? (Justice BR Gavai Kon Hai)
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। उनको 14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था. 12 नवंबर 2005 को वह हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गवई को 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किया गया था। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल छह महीने से अधिक का होगा। वह 23 नवंबर 2025 को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे।
कैसे तय की जाती है मुख्य न्यायधीश की सैलरी और पेंशन/भत्ता
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन, ग्रेच्युटी, पेंशन, भत्ते आदि के लिए देश में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के न्यायाधीश (वेतन और सेवा शर्त) अधिनियम-1958 है। वहीं उच्च न्यायालयों (High Court) के न्यायाधीशों (वेतन और सेवा शर्त) अधिनियम-1954 द्वारा तय किए जाते हैं। वहीं समय समय पर वेतन या पेंशन या भत्ते आदि पर प्रस्ताव आने पर इनमें संशोधन किया जाता है।
भारत के CJI को कितनी मिलती है सैलरी
वहीं भारत के मुख्य न्यायाधीश को हर महीने 2.80 लाख रुपए वेतन मिलता है। इनकी पेंशन 16.80 लाख रुपये प्रति वर्ष और साथ में महंगाई राहत और 20 लाख रुपए ग्रेच्युटी मिलती है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को वेतन के अलावा हर महीने 45000 रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है। एक साथ 10 लाख रुपये फर्निशिंग अलाउंस के तौर पर भुगतान किया जाता है। CJI को मिलती हैं ये सुविधाएं
वहीं सुविधाओं की बात करें तो भारत के CJI को ये सुविधाएं मिलती हैं-
- दिल्ली में सबसे उच्च श्रेणी यानी टाइप VIII का बंगला
- सरकारी गाड़ी और ड्राइवर की सुविधा
- बंगले पर 24 घंटे सुरक्षा, नौकर-चाकर और क्लर्क आदि रहते हैं
- गाड़ी के लिए हर महीने 200 लीटर तक ईंधन
- पीसीओ
- यात्रा भत्ता
सेवानिवृत्ति के बाद मिलती हैं ये सुविधाएं
सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य न्यायाधीश को छह महीने तक बिना किराए का टाइप VII आवास दिया जाता है। ऐसा आवास उन सांसदों को मिलता है जो पहले केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद कुछ सालों तक सीजेआई को 24 घंटे सुरक्षा मिलती है। सेवानिवृत्ति की तारीख से एक साल तक ड्राइवर की सुविधा और सचिवालय संबंधी सहायता भी दी जाती है।