Brijbhushan Singh: बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को नंदिनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित मेधावी छात्र सम्मान समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। यहां नवाबगंज और वजीरगंज विकासखंड के छात्र-छात्राओं को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। इसी दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री से 31 महीने बाद हुई मुलाकात का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उन्हें न सिर्फ पारिवारिक स्तर पर बल्कि कुछ आधिकारिक माध्यमों से भी मुख्यमंत्री से मिलने का संदेश मिला था। उसी के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया। उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने पहले ही तय कर लिया था कि अगर मुख्यमंत्री खुद मिलने नहीं चाहेंगे। तो वे पहल नहीं करेंगे। इस तरह उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि मुलाकात के पीछे कोई व्यक्तिगत राजनीति नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री की तरफ से आई पहल ही प्रमुख वजह थी।
31 महीने बाद हुई मुलाकात
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि सोमवार को उन्होंने 31 महीने के लंबे अंतराल के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव का सिलसिला चलता रहता है। ऐसा ही एक कठिन समय जनवरी 2023 में उनके जीवन में आया था। उसी समय से मुख्यमंत्री से उनकी बात-चीत और संपर्क पूरी तरह टूट गया था। पिछले ढाई सालों में न उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की। और न ही मुख्यमंत्री की ओर से ऐसा कोई प्रयास हुआ।
संकट केवल डरपोक को हिला देता, वीर कभी डगमगाते नहीं
बृजभूषण सिंह ने कहा कि जब उन पर गंभीर आरोप लगे थे। तो उन्होंने उस स्थिति का सामना करने का फैसला किया। उसी समय उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कुछ पंक्तियाँ पढ़ीं जिसका अर्थ है कि”जब संकट आता है। वह केवल डरपोकों को हिला देता है। जो वीर होते हैं। वे कभी डगमगाते नहीं, ना ही धैर्य खोते हैं। जब कठिनाई सामने हो, तो उसे झेलना ही पड़ता है। इन पंक्तियों से उन्हें साहस मिला और उसी क्षण उन्होंने ठान लिया कि यह संघर्ष उनका निजी है। और उन्हें ही इसका सामना करना है।
जब मुख्यमंत्री बुलाएंगे तब मैं मिलने जाऊंगा
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक कार्यक्रम मेरे क्षेत्र में प्रस्तावित था। लेकिन किसी वजह से वह रद्द हो गया। उस दौरान मेरी एक अधिकारी से बातचीत हुई थी। जिसमें मैंने साफ कहा था कि जब तक सीएम खुद नहीं बुलाएंगे। मैं मिलने नहीं जाऊंगा।
बच्चों से मिलते हैं तो मेरा हाल-चाल जरूर पूछते
उन्होंने कहा कि सीएम जब मेरे बच्चों से मिलते थे। तो मेरा हालचाल जरूर पूछते थे। लेकिन मैं फिर भी मिलने नहीं गया। जब मुझे अपने बच्चों और कुछ अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत संदेश मिला। तब जाकर मैं उनसे मिला। यह मुलाकात करीब 31 महीने बाद हुई है। इस पर किसी को सवाल उठाने का हक नहीं है।
राहुल गांधी को आमंत्रित करता हूं नंदिनी नगर आए यहां से कथा सुनने के बाद सनातनी बनाकर लौटेंगे
बृजभूषण ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वामपंथी विचारधारा वाले लोग यदि सनातन धर्म पर चर्चा करना चाहते हैं। तो खुले मंच पर नंदिनी नगर (अयोध्या) में हो रही कथा में आकर बहस करें। राहुल गांधी को चुनौती देते हुए उन्होंने पूछा –आखिर उन्हें सनातन धर्म से इतनी नफरत क्यों है? मनुस्मृति से परेशानी क्यों है? मैं उन्हें आमंत्रित करता हूं कि वे नंदिनी नगर आएं। और एक सप्ताह यहां रुकें। मेरा विश्वास है कि वह यहां से पूरी तरह सनातनी सोच के साथ लौटेंगे।