STF और झारखंड पुलिस की संयुक्त कारवाई में मारा गया अनुज
एक दिन पहले ही अनुज कन्नौजिया पर ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित हुआ था। STF लगातार उसकी फिराक में लगी थी लेकिन अपने ठिकानों के बदलने से वह आसानी से बचता जा रहा था। अनुज कद में जितना ही छोटा था जरायम की दुनिया में खौफ उतना ही बड़ा था। असलहों के शौकीन अनुज की सबसे खास बात यह थी कि वो दोनों हाथ में पिस्टल लेकर एक साथ फायर करता था। मुख्तार अंसारी के अच्छे दिनों में इसकी ठाठ भी मुख्तार से कम नहीं थी। मुख्तार के इस भरोसेमंद शूटर का मुख्य काम हथियारों की खरीद फरोख्त, शूटर्स की भर्ती, ठेके पर हत्याओं की साजिश रचना आदि था।
वर्ष 2012 के दौरान अनुज गोरखपुर जिला कारागार में भी बंद था। मुख्तार के बुरे दौर की शुरुआत होने के बाद से ही अनुज भी यतीम हो चला और STF की गोलियों से बचने की कोशिश करता रहा। अंत में मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अनुज कन्नौजिया का बचना मुश्किल होता जा रहा था। आखिरकार गोरखपुर STF ने शनिवार को मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया। पुलिस ने मौके से हथियार और कारतूस सहित अन्य चीजें बरामद की है।
प्रेमिका ही बनी पत्नी, गिरोह में थे प्रेमिका के खूबसूरती के चर्चे
गोरखपुर जेल में बंद रहने के दौरान आजमगढ़, गाजीपुर आदि जिलों में पेशी पर जाने के दौरान वह जीयनपुर स्थित अपनी प्रेमिका से जरूर मिलता था। अनुज जहां कद में छोटा और दुबला पतला था वहीं उसकी प्रेमिका के सुंदरता के चर्चे उसके गिरोह में आम था। गुप्त चर्चे रहा करते थे कि उसकी प्रेमिका का मुख्तार से भी संबंध था, लेकिन बाद में अनुज ने अपनी प्रेमिका से शादी भी कर ली। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अनुज ने अपना ठिकाना झारखंड बना लिया लेकिन अंततः STF के शिकंजे में फंस ही गया।