30 दिन, 600 लोगों का सामूहिक भोजन
मध्य प्रदेश के गुना के बोहरा समाज ने मस्जिद के जमातखाने में विशेष रसोई तैयार की है, जहां रोजाना 600 लोगों के लिए भोजन बनाया जा रहा है। इनमें 110 परिवारों के लोग शामिल हैं। बीमार और असमर्थ लोगों को टिफिन के माध्यम से भोजन घर पहुंचाया जाता है। सेहरी और इफ्तार की खास व्यवस्था
सेहरी: सभी परिवारों को सुबह सेहरी के लिए चाय, बिस्किट और खजूर के पैकेट दिए जाते हैं। इफ्तार: शाम को जमातखाने में सामूहिक भोजन होता है, जिसमें रोटी, दो तरह की सब्जी, मिठाई और स्नैक्स परोसे जाते हैं।
खपत और तैयारी
रसोई में रोजाना लगभग 30 किलो आटा, 22 किलो सब्जी और 15 किलो मिठाई की खपत हो रही है। रसोइयों की टीम पूरे महीने इस व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित कर रही है। बोहरा समाज की यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करती है, बल्कि समाज में सामूहिकता, सहयोग और भाईचारे का संदेश भी देती है।
रमजान का महत्व
रमजान अरबी शब्द ‘रम्ज’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है तपिश या जलन। इस महीने में पवित्र कुरआन नाजिल हुआ था। रोजे का उद्देश्य सिर्फ भूखा रहना नहीं, बल्कि बुरी आदतों और नकारात्मक विचारों से बचना है। रोजेदार दिनभर संयम रखते हैं, बुरी बातों से बचते हैं और हर समय खुदा की इबादत में लीन रहते हैं।