तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह पूर्व से शादीशुदा थे। युवती का कहना है कि इस बात को तहसीलदार ने छिपाकर शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए। इसकी शिकायत कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से की गई है। कलेक्टर ने तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान को भितरवार से हटाकर भू अभिलेख कार्यालय में पदस्थ कर दिया है।
यह भी पढ़ें: एमपी में बीजेपी के दबंग नेता को किया निष्कासित, प्रदेशाध्यक्ष ने 6 साल के लिए बाहर निकाला ज्ञात है कि तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान पर सिटी सेंटर तहसील में भी एक महिला ने आरोप लगाए थे। इस आरोप के बाद चौहान को सिटी सेंटर तहसील से हटाया गया था। इसके बाद भितरवार तहसील में भेज दिया था। इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी, लेकिन शिकायतकर्ता महिला सामने नहीं आई थी, लेकिन अब फिर महिला ने आरोप लगाए हैं।
इधर तहसीलदार का कहना है कि महिला ने झूठे आरोप लगाए हैं। 10 लाख रुपए के लिए ब्लैकमेल कर रही थी। इसकी शिकायत भितरवार थाना व पुलिस अधीक्षक से की है। पूरा मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है। मैंने भी अवगत कराया है।
यह भी पढ़ें: कई टुकड़ों में बंटेगा एमपी का यह जिला! बनेंगी 4 नई तहसीलें, सीएम मोहन यादव ने दिया सुझाव कई सालों से हैं संबंधपीड़िता के मुताबिक उनके पति के निधन के बाद 2008 में शत्रुघ्न चौहान के संपर्क में आई। उनकी उसके जेठ के साथ दोस्ती थी। साथ में व्यापार भी करते थे। तहसीलदार ने जेठ से कहा कि तुहारी विधवा बहू से विवाह करना चाहता हूं। उसे जीवनभर साथ रखूंगा। जेठ ने उसे दबाव बनाकर शत्रुघ्न के साथ रहने के लिए मजबूर किया।
2008 में चौहान नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ हुए थे। उसके बाद कहने लगे कि मेरी नौकरी लगी है। जल्द ही विवाह करूंगा। चौहान ने पीड़िता की मांग में सिंदूर भरा। पत्नी मान लिया। 17 दिसंबर 2024 को महिला ने थाना पड़ाव में आवेदन दिया था। चौहान के खिलाफ एफआइआर कराना चाहती थी, लेकिन चौहान ने डरा धमकाकर शपथ पत्र कराया और केस दर्ज नहीं हो सका। आरोप है कि चौहान ने पूर्व में भी शादी का झांसा देकर अन्य महिलाओं के साथ संबंध बनाए हैं।