दिनेश की हत्या (Murder) के बाद भूरा चौहान ने फोन पर किसी से चिल्लाते हुए कहा था मरवा दिया अब फिर जेल जाना पड़ेगा। पब्लिक की बातों से पुलिस मान रही है दिनेश की हत्या में पर्दे के पीछे भी कोई और शामिल हो सकता है। दूसरे दिन भी दिनेश के परिजन ने किसी से दुश्मनी नहीं बताई है।
दुश्मनी के बदले का एंगल मान रही पुलिस
उधर पुलिस हत्या में साहूकारी के धंधे, बस्ती में वर्चस्व या पुरानी दुश्मनी के बदले का एंगल मान रही है। उसकी नजर में दिनेश ने बस्ती में साहूकारी काम और वर्चस्व जमा लिया था। आशंका है हत्यारे उससे ब्याज की कमाई में हिस्सा वसूलना चाहते थे दिनेश पैसा देने को राजी नहीं हुआ तो उसे मार दिया या हत्यारों ने उससे पुरानी दुश्मनी का बदला लिया है।
10 साल की सजा काटकर बाहर आया था हत्यारा
दिनेश श्रीवास निवासी दीनदयाल नगर की रविवार रात करीब 9.30 बजे प्रमोद चौहान और देवेन्द्र किरार ने तीन गोलियां मारकर हत्या की थी। प्रमोद चौहान कुछ दिन पहले हत्या केस में 10 साल की सजा काटकर में जेल में बाहर निकला है। प्रमोद की दिनेश से सीधी दुश्मनी भी सामने नहीं आई है। इसलिए लल्ला उर्फ देवेन्द्र किरार अभी तक हत्या की अहम कड़ी माना जा रहा है। हत्या के तुरंत बाद दोनों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम भी हो गया है। लेकिन दोनों हत्यारे पकड़ से बाहर है। सोमवार को आरोपियों की डबरा में मौजूदगी भी पता चली थी लेकिन हत्यारे हाथ नहीं आए।
पर्दे के पीछे कौन
दिनेश की हत्या में यह भी माना जा रहा है कि देवेन्द्र और प्रमोद सिर्फ मोहरे हो सकते हैं। हत्या का सूत्रधार पर्दे के पीछे है। हो सकता है दिनेश को मारने के बाद प्रमोद ने उसे ही फोन कर बोला है कि अब दोबारा जेल जाना पड़ेगा। लेकिन उसका खुलासा भी दोनों हत्यारोपियों के पकड़े जाने पर होगा।
यह है मामला
बंशीपुरा की घनी में प्रमोद चौहान और देवेन्द्र किरार ने तमाम लोगों के सामने गोलियां मारकर हत्या की थी। दिनेश मूलत: गोरमी का रहने वाला था। तीन साल पहले उसने बंशीपुरा में साहूकारी का धंधा जमाया था। रविवार शाम को दिनेश बस्ती में अपने ऑफिस में बैठा था तब उसे हत्यारों ने तीन गोलियां मारीं।
साजिश के एंगल पर भी जांच
साहूकार की हत्या में साजिश के एंगल पर भी जांच की जा रही है। हत्या के दोनों आरोपियों की पहचान हो गई है। दोनों के पकड़े जाने पर पूरी कहानी खुलेगी। इसमें जो भी शामिल होगा उसे पकड़ा जाएगा।