भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव मुश्किल में
हाईकोर्ट ने भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर ने कोई सबक नहीं सीखा है। उनके द्वारा पीडब्ल्यूडी की संपत्ति कुर्क करना दिखावा मात्र है। ऐसा अधिकारी फील्ड में रहना चाहिए या नहीं, मुख्य सचिव खुद यह तय करें। आदेश की कॉपी मुख्य सचिव को भी भेजी जाएगी। कोर्ट ने अवमानना के लिए दोषी मानते हुए 11 मार्च को 10:30 बजे हाईकोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। उन्हें दंड पर सुना जाएगा।
कोर्ट ने जताई हैरानी कि खर्च वसूल करने में रुचि दिखाई
- कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि भिंड कलेक्टर चल संपत्ति की नीलामी में हुए खर्च को वसूल करने में दिलचस्पी रखते थे। कलेक्टर ने अवमानना याचिका क्रमांक 6463/2025 में एक झूठा दावा किया कि पीडब्ल्यूडी के पास भिंड में कोई अचल संपत्ति नहीं है। कोर्ट ने इस दलील को गंभीरता से लिया, तो कलेक्टर ने अचल संपत्ति भी कुर्क कर ली। मालनपुर स्थित पीडब्ल्यूडी का विश्राम गृह भी कुर्क कर लिया। इनके द्वारा कुर्क की जो कार्रवाई की है, वह दिखावा मात्र है। कुर्की में दिखाया गया कि कुर्की न्यायालय के आदेश पर की गई है।
- कोर्ट ने कलेक्टर से कुर्की के संबंध में सवाल किया कि क्या न्यायालय ने इसका कोई आदेश दिया। इस पर कलेक्टर को अपनी गलती का अहसास हुआ। कलेक्टर ने कुर्की का बेहतर ढंग से निष्पादन करने को कहा। कोर्ट ने इस स्थिति को देखने के बाद कहा कि कलेक्टर ने कोई सबक नहीं सीखा।
क्या है मामला
सुभाष सिंह भदौरिया ने अपने वेतन का बकाया लेने के लिए हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। बकाया राशि के लिए आरआरसी जारी हो चुकी है। बावजूद इसके पैसा नहीं दिया गया। इस मामले में भिंड कलेक्टर को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा कि भिंड कलेक्टर ने पहले भी न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भिंड में पीडब्ल्यूडी की कोई संपत्ति नहीं है। जब कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया तो अपनी गलती का अहसास हुआ। कलेक्टर ने माफी मांगते हुए आदेश का पालन करने के लिए कहा, लेकिन फिर से वैसी ही स्थिति रही।