कोर्ट का फैसला- 2010 की पॉलिसी के तहत हो भर्ती
दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 17 दिसंबर 2010 को एक पॉलिसी लागू की थी। इस पॉलिसी के तहत नियुक्ति की चार श्रेणियां बनाई थी। पहली नेट सहित पीएचडी, नेट या पीएचडी, एमफिल, स्नातकोत्तर की डिग्री वालों को अतिथि शिक्षक बनाया जाता था, लेकिन सरकार ने 5 अक्टूबर 2023 को नई पॉलिसी लागू की। इस पॉलिसी में एमफिल व स्नातकोत्तर की श्रेणी को हटा दिया। इसके चलते बड़ी संख्या में उम्मीदवार बाहर हो गए। दिनेश कुमार और अन्य उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में नई पॉलिसी के खिलाफ याचिका दायर की। उनकी ओर से तर्क दिया कि नई पॉलिसी गलत है। नई पॉलिसी से वह नियुक्ति के दायरे से बाहर हो गए हैं। राज्य शासन ने याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने एमफिल व स्नातकोत्तर श्रेणी को भी जोड़ने का आदेश दिया है।
ऐसे की जा रही थी भर्ती
2010 की पॉलिसी के अनुसार सबसे पहले नेट के साथ पीएचडी करने वाले उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जा रही थी। नेट या पीएचडी वाले उम्मीदवार को नियुक्ति दी जा रही है। उसके बाद एमफिल व स्नातकोत्तर वाले उम्मीदवार को प्राथमिकता दी गई। नियुक्ति के लिए शासन को विचार करना होगा। करीब 37 याचिकाओं का निराकरण हो गया।