ओटीपी के आधार पर स्लॉट बुक कर लेते थे
इस फीचर के आने के बाद जो सेवा प्रदाता पत्नी, रिश्तेदार, दोस्त की आईडी पर काम कर रहे थे, उन्हें कार्यालय में बैठना होगा। सेवा प्रदाता पांच से छह आईडी अपने पास रखते थे। यदि फर्जीवाड़े में पकड़े जाएं तो दूसरी आईडी पर रजिस्ट्री का काम करते रहते हैं। अधिवक्ता सेवा प्रदाता का काम नहीं कर सकते हैं, लेकिन भाई, पत्नी व बेटे के नाम आईडी लेकर आवंटित करके कार्य कर रहे थे। ओटीपी के आधार पर स्लॉट बुक कर लेते थे। दरअसल पंजीयन विभाग संपदा-1 सॉफ्टवेयर बंद हो गया है। संपदा-2 सॉफ्टवेयर पर काम किया जा रहा है। पंजीयन विभाग के सभी कार्य इसी सॉफ्टवेयर पर किए जा रहे हैं। क्रेता-विक्रेता को हर स्टेप पर ओटीपी देनी होती है। इससे संपत्ति के विक्रय में फर्जीवाड़े में कमी आएगी। कोई दूसरा व्यक्ति फर्जी तरीके से संपत्ति नहीं बेच पाएगा, क्योंकि आधार से संबंधित व्यक्ति का सत्यापन होगा।
स्टांप ड्यूटी चोरी के लिए अलग आईडी
पंजीयन विभाग में स्टांप ड्यूटी चोरी के मामले अधिक हैं। क्रेता-विक्रेता को स्टांप ड्यूटी चोरी के तरीके सेवा प्रदाता के यहां से बताए जाते हैं। स्टांप ड्यूटी चोरी कर शासन को नुकसान पहुंचाते हैं। यदि किसी संपत्ति में स्टांप ड्यूटी चोरी करनी है तो दूसरी खुद की आईडी से रजिस्ट्री नहीं करेंगे। दूसरी आईडी से करते हैं। यदि मामला खुलता है और आईडी निरस्त होती है तो काम बंद नहीं होगा। उप पंजीयक से संपत्ति के निरीक्षण के अधिकार छीन लिए हैं। जिला पंजीयक ही संपत्ति का निरीक्षण कर सकता है, लेकिन जिले में 30 हजार रजिस्ट्री होती हैं। इसलिए स्टांप ड्यूटी चोरी पकडऩा मुश्किल होता है। शिकायत होने पर ही खुलासा होता है।
संपदा-2 सॉफ्टवेयर में सेवा प्रदाता को लेकर नया फीचर जोड़ा जा रहा है। ओटीपी की जगह अंगूठे से स्लॉट बुक होगा। उसके लिए सेवा प्रदाता को कार्यालय में बैठना पड़ेगा। अशोक शर्मा, जिला पंजीयक
ये भी पढ़ें: एमपी में 4 हजार शिक्षकों का नहीं हुआ ‘पुलिस वेरिफिकेशन’, अब अचानक होगी चेकिंग ! पक्षकार को मिल रही है ई रजिस्ट्री
संपदा-2 में ई रजिस्ट्री पक्षकारों को मिल रही है। ई मेल पर रजिस्ट्री की कॉपी भेजी जा रही है। पंजीयन विभाग में फोटो खींचने के बाद उप पंजीयक को सत्यापन करना है। उप पंजीयक के क्लिक के बाद रजिस्ट्री मिल जाती है। अब पक्षकारों को गवाह साथ में नहीं लाने पड़ रहे है। सिर्फ क्रेता-विक्रेता कार्यालय में आ रहे है। चेकर के पद भी खत्म हो गए हैं।