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कमजोर याददाश्त का कारण बन सकते हैं मुंह के बैक्टीरिया: जानें क्या कहती है शोध

Alzheimers Disease: ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने यह बात बताई कि कैसे मुंह और जीभ पर मौजूद बैक्टीरिया आपकी याददाश्त को कमजोर कर रहे हैं।

भारतFeb 06, 2025 / 03:38 pm

Puneet Sharma

Alzheimers Disease: Oral bacteria can cause poor memory: Know what research says
Alzheimers Disease: एक अध्ययन से पता चला है कि मुंह और जीभ पर मौजूद बैक्टीरिया मस्तिष्क की खराब कार्यप्रणाली और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग के जोखिम का संकेत दे सकते हैं। मुंह में कुछ बैक्टीरिया ऐसे होते हैं जिनसे अल्जाइमर जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में ये आपकी याददाश्त कमजोर कर सकते हैं। ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने यह बात बताई कि कैसे मुंह और जीभ पर मौजूद बैक्टीरिया आपकी याददाश्त को कमजोर कर रहे हैं।

क्या कहता है शोध

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एक शोध में यह सामने आया है कि मुंह और जीभ पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में कमी और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के जोखिम का संकेत दे सकते हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी पाया है कि हानिकारक बैक्टीरिया रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और मस्तिष्क को हानि पहुंचा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, ये बैक्टीरिया शरीर में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जिससे नाइट्रेट का नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तन कम हो जाएगा, जो मस्तिष्क के संचार और याददाश्त के निर्माण के लिए आवश्यक है।

शोधकर्ता डॉ जोआना लेहुरेक्स के अनुसार

शोधकर्ता डॉ. जोआना लेहुरेक्स ने बताया, “हमारे अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि कुछ बैक्टीरिया उम्र के साथ मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।” लेहुरेक्स ने दांतों की जांच के दौरान बैक्टीरिया के स्तर को मापने और मस्तिष्क स्वास्थ्य में गिरावट के प्रारंभिक संकेतों की पहचान के लिए नियमित परीक्षण कराने की सिफारिश की।

अध्ययन में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग शामिल

पीएनएएस नेक्सस नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में 50 वर्ष से अधिक आयु के 110 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। ये प्रतिभागी एक ऑनलाइन अध्ययन का हिस्सा थे, जो मस्तिष्क स्वास्थ्य की निगरानी करता है। शोधकर्ताओं ने मुंह के कुल्ले के नमूनों का विश्लेषण किया और उनमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया की विविधता का अध्ययन किया।

अल्जाइमर रोग वालों को खतरा ज्यादा : Those with Alzheimers disease are at higher risk

प्रेवोटेला नामक बैक्टीरिया समूह का नाइट्राइट के निम्न स्तरों से संबंध पाया गया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। यह बैक्टीरिया उन व्यक्तियों में अधिक मात्रा में पाया गया है जिनमें अल्जाइमर रोग का जोखिम जीन एपीओई4 मौजूद है। एक्सेटर मेडिकल स्कूल की प्रोफेसर ऐनी कॉर्बेट ने कहा कि इन निष्कर्षों के आधार पर “आहार में परिवर्तन, प्रोबायोटिक्स, मौखिक स्वच्छता की दिनचर्या या लक्षित उपचार” जैसे उपायों से डिमेंशिया को रोकने में सहायता मिल सकती है।

नीसेरिया” और “हेमोफिलस

परिणामों से यह स्पष्ट हुआ कि जिन व्यक्तियों के मुंह में “नीसेरिया” और “हेमोफिलस” बैक्टीरिया समूह की संख्या अधिक थी, उनकी याददाश्त, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और जटिल कार्यों को करने की क्षमता बेहतर थी। इन व्यक्तियों के मुंह में नाइट्राइट का स्तर भी अधिक पाया गया। इसके विपरीत, “पोर्फिरोमोनास” बैक्टीरिया की अधिकता वाले व्यक्तियों में याददाश्त से संबंधित समस्याएं अधिक देखी गईं।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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